पन्ना जिले के नचना कुठारा गांव में स्थित ऐतिहासिक चौमुखनाथ मंदिर परिसर में स्थित टीलों की खुदाई में अति प्राचीन मंदिर के अवशेष व शिवलिंग मिला है. जिसके बाद माना जा रहा है कि यह मंदिर मठ से निर्मित किए गए होंगे. जो पहली से पांचवी सदी के बीच के हो सकते हैं. हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम यहां खुदाई कर रही है. इसमें और भी प्राचीन मंदिर व प्रतिमाएं मिलने की संभावना जताई जा रही हैं
ASI की टीम ने चौमुखनाथ मंदिर परिसर में 8 टीलों को चिन्हित किया गया था, जिनमें प्राचीन मंदिर व प्रतिमाओं के मिलने की संभावना है. 04 मार्च 2024 से खुदाई का शुरू की गई. 15 दिनों की खुदाई में दो टीलों की खुदाई हो रही है. जिसमें अति प्राचीन शिव मंदिर के अवशेष व एक शिवलिंग मिला है. जानकारों का मानना है कि यहां स्थित पार्वती मंदिर पांचवी सदी के मौजूद है. खुदाई में मिला शिवलिंग व मंदिर के अवशेष देश के सबसे प्राचीन यानी पहली सदी से पांचवी सदी के बीच के हो सकते हैं.
एएसआई विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी में यहां खुदाई का कार्य जारी है. किसी भी प्रकार से शासकीय संपत्ति को हानि न हो उसके लिए ASI पूर्ण रूप सतर्कता बरत रहा है. मजदूरों व हाथ के औजारों से बारीकी से काम किया जा रहा है. खुदाई के दौरान चिन्हित टीलों में धागे का सर्किल बनाया गया है. फोटोग्राफी वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध है. इस कार्य में मुख्य रूप जबलपुर पुरातत्व विभाग की टीम काम कर रही है.
नचना गांव इतिहास के नजरिए से महत्वपूर्ण है. यहां स्थित पार्वती मंदिर भारत के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है, जो करीब 1600 वर्ष पुराना है. उसके बाद करीब सातवीं सदी का चौमुख नाथ मंदिर है, जहां भगवान शिव की चौमुखी प्रतिमा विराजित है. पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया है कि नचना ग्राम में स्थित चौमुखनाथ मंदिर में ASI के द्वारा खुदाई करवाई जा रही है.
कलेक्टर ने कहा कि ASI के अधिकारियों से मेरी चर्चा हुई है. दूसरी से पांचवीं सदी के मंदिर व अवशेष मिलने की संभावना जताई गई है. इसी उद्देश्य में एएसआई की ओर से खुदाई का कार्य शुरू किया गया है. उन्होंने हमसे सहयोग मांगा था, जिसको लेकर हमने गुनौर एसडीएम को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है. उम्मीद है कि एएसआई की टीम को वहां प्राचीन मंदिर या स्मारक मिलेंगे.
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