Chhattisgarh Year Ender 2022: छत्तीसगढ़ में इन खट्टी-मीठी यादों के साथ बीता 2022, किसी ने गुदगुदाया तो किसी ने दी टीस
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1503240

Chhattisgarh Year Ender 2022: छत्तीसगढ़ में इन खट्टी-मीठी यादों के साथ बीता 2022, किसी ने गुदगुदाया तो किसी ने दी टीस

Top Chhattisgarh politics year ender 2022 News: साल 2022 लगभग बीत गया है. अब हम नए साल 2023 में प्रवेश करने जा रहे हैं. ऐसे में आज हम छत्तीसगढ़ की ऐसी घटनाओं के बार में बता रहे हैं, जिनके लिए साल 2022 हमेशा याद रहेगा.

Chhattisgarh Year Ender 2022: छत्तीसगढ़ में इन खट्टी-मीठी यादों के साथ बीता 2022, किसी ने गुदगुदाया तो किसी ने दी टीस

Chhattisgarh politics year ender 2022 News: साल 2022 के जाने के साथ ही हम सभी नए साल यानी 2023 के आगाज के लिए तैयार हैं. ऐसे में हमारे साथ हमारी यादों में छत्तीसगढ़ कई बड़ी खबरें है जो नए साल की सफर में जाने वाली है. आज हम उन्हीं छोटी-बड़ी घटनाओं, फैसलों और राजनीतिक दांव पेच के बारे में बता रहे हैं, जो 2022 में घटी और हमेशा हमारे जहन में जिंदा रहने वाली हैं.

राजनीतिक घटनाक्रम
छत्तीसगढ़ में इस साल कई राजनीतिक घटनाएं हुईं, जो आने वाले समय में याद रहेंगी. इसमें चुनाव हो या बयान सभी का रुख 2023 के लिए पहले से ही मुड़ा हुआ था. आइये एक नजर डालते हैं, 2022 की राजनीतिक घटनाओं पर...

fallback

- भाजपा ने इस साल प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बदल दिए. विष्णुदेव साव के बदले बिलासपुर सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. धरमलाल कौशिक को हटाकर नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. भाजपा में इस बदलाव को 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से बेहद अहम माना गया.

- पूर्व सीएम रमन सिंह को राज्यपाल बनाये जाने की चर्चा छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में खूब हुई. इस चर्चा ने तब और जोर पकड़ी जब रमन सिंह अपनी अंगुली के ऑपरेशन के लिए दिल्ली गये थे. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ.

- पूर्व सीएम रमन सिंह ने भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव प्रचार के दैरान एक कार्यक्रम के मंच से सीएम भूपेश बघेल को मूसवा मतलब चूहा कह दिया. फिर क्या था, कांग्रेस इस बयान को लेकर हमलावर हो गई. खुद सीएम भूपेश बघेल ने भी इसे लेकर पलटवार करते हुए रमन सिंह को सामंती सोच वाला बताया.

- कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार के फैसलों से नाराजगी जाहिर करते हुए मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे के साथ वजहों का डिटेल जिक्र करते हुए उन्होंने सीएम को एक पत्र भी भेजा. कुछ दिन बाद सिंहदेव का इस्तीफा सीएम ने मंजूर कर लिया और पंचायत विभाग मंत्री रविन्द्र चौबे को दे दिया.

- भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को हाईकमान ने बदल दिया. ये बदलाव उस वक्त में हुआ जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और डी पुरंदेश्वरी दोनों रायपुर दौरे पर ही थे. पुरंदेश्वरी को हटाकर भाजपा ने ओम माथुर को नया प्रदेश प्रभारी बनाया.

- इस साल छत्तीसगढ़ में आरएसएस बेहद एक्टिव दिखाई दिया. संघ की राष्ट्रीय स्तर की समन्वय बैठक रायपुर में हुई. हिंदुत्व और धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत का 2 दिवसीय जशपुर और सरगुजा दौरा भी चर्चा में रहा, जिसमें उन्होंने भाजपा के दिवंगत हिंदूवादी नेता दिलीप सिंह जूदेव के प्रतिमा का अनावरण किया.

- कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को हटाकर कुमारी सैलजा को कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का जिम्मा सौंपा. सैलजा को राहुल गांधी के कोर टीम का हिस्सा माना जाता है. 5 सालों से पीएल पुनिया छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बतौर प्रदेश प्रभारी जिम्मेदारी सम्हाल रहे थे.

- राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस ने दोनों सीटें जीती. बीजेपी नेता रामविचार नेताम और कांग्रेस नेता छाया वर्मा की खाली हुई सीट पर राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन को राज्यसभा सदस्य बनाकर दिल्ली भेजा गया.

- विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी और जेसीसीजे विधायक देवव्रत सिंह का निधन हो गया. इसके बाद खैरागढ़ और भानुप्रतापपुर में उपचुनाव हुए. दोनों विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की 

सरकार की योजनाएं
सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए कई सौगातें दी, इससे लोगों का जीवन आसान हुआ और कई सुविधाएं मिलीं. आइये इन योजनाओं पर एक नजर डालते हैं...

fallback

- परिवहन संबंधी सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के मकसद से छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल तुंहर सरकार, तुंहर द्वार योजना की शुरुआत की. इसके तहत परिवहन से संबंधित सेवाओं जैसे नये वाहनों का रजिस्ट्रेशन, DL की डिटेल्स में बदलाव, पुराने वाहनों के RCC में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की सुविधाओं को ऑनलाइन किया गया है.

- छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल जनवरी में एक बड़ी योजना लॉन्च की. इस योजना ने स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्यगत दिक्कतों को दूर करने में बड़ी मदद की. इस योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों की मेडिकल जांच, दवाई की उपलब्धता, गंभीर बीमारी का मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं.

- इस साल छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत की. इस योजना के जरिए प्रदेश के भूमि हीन कृषि मजदूरों को हर साल 7 हजार रुपये देने का प्रावधान है. राज्य के 10 लाख से ज्यादा भूमिहीन मजदूर इसके तहत पात्र हैं. इस योजना की चर्चा देश में रही है.

- साल बीतते-बीतते हाईकोर्ट के एक फैसले ने छत्तीसगढ़ में आरक्षण के विषय को चर्चा में ला दिया. बिलासपुर हाईकोर्ट ने सभी वर्गों को मिलाकर 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक करार दे दिया. जिससे कई विभागों में भर्तियां, प्रतियोगी परीक्षाओं के नतीजे और इंजीनियरिंग-मेडिकल में एडमिशन रुक गए. इसके बाद कानून संसोधन हुए, लेकिन साल बीतने तक मामला राज्यापाल के पास ही अटका है.

घटनाएं जो नहीं होनी थी
बहुत कुछ ऐसा होता है, जो हमारे हाथ में नहीं होता, लेकिन वो घटनाएं होती है. काफी कुछ ऐसा हुआ छत्तीसगढ़ में जो नहीं होना चाहिए था, लेकिन हो गया तो वो अब यादों में रहेगा.

fallback

- छत्तीसगढ़ से जुड़ी इस साल की सबसे चर्चित खबर रही राहुल साहू के बोरवेल में पर 100 घंटे बीत जाने के बावजूद सकुशल निकाले जाने की. जांजगीर-चांपा जिले का 10 साल का बच्चा राहुल साहू खेलते हुए अपने ही बाड़ी के खुले बोरवेल में गिर गया, जिसे निकालने की कोशिश में पूरी सरकार जुट गई. बड़ी बात ये भी थी कि राहुल जहां फंसा था वहां सांप और मेंढक भी थे, बावजूद इसके मौत को मात देकर वो सकुशल निकल आया.

- साल के आखिरी महीने में बिलासपुर का संजू त्रिपाठी हत्याकांड खबरों की सुर्खियों में रहा, जहां पिता और पत्नी सहित परिवार के कई सदस्यों पर प्लानिंग के तहत प्रोफेशनल शूटर से फायर किया गया. तफ्तीश के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

पॉजिटिव छत्तीसगढ़
बहुत से ऐसी घटनाएं 2022 में हुई, जो आशा की नई किरण और प्रदेश के विकास के लिए नए आयाम लेकर आईं. आइये इनपर भी एक नजर डालते हैं.

fallback

- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आम जनता को खुश रखने वाले देश के नम्बर 1 मुख्यमंत्री बने. IANS-C वोटर्स के देशव्यापी सर्वे में आई बात सामने. सर्वे में दावा किया दया कि सबसे कम एंटी इनकम्बेंसी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के लिए है.

- छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना. यहां बेरोज़गरी मात्र 0.1% रही. प्रदेश सरकार की उदार आर्थिक नीति और रोजगार सृजन को इसका श्रेय दिया गया.

- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता से रूबरू होने के लिए भेंट मुलाकात का कार्यक्रम शुरू किया. वह हर विधानसभा में जाकर जनता से रूबरू हो रहे हैं और योजनाओं के बारे में फीडबैक ले रहे हैं. अब तक 50 से ज्यादा विधानसभाओ के दौरे पूरे कर लिए हैं.

- इस साल छत्तीसगढ़ में 6 नये जिले बनाये गए. फरवरी में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के उद्घाटन के बाद 5 अन्य जिलों की घोषणा हुई. वहीं भारी संख्या में प्रदेश में तहसीलों का गठन किया गया.

आइये अच्छी यादों क दिल में सजाकर अब हम नई उम्मीदों के साथ पुराने साल 2022 को अलविदा और नए साल 2023 को वेलकम करते हैं.

Trending news