Chhattisgarh Hareli Celebration: छत्तीसगढ़ के पहले त्योहार हरेली पर CM विष्णु देव साय पारंपरिक रंग में रंगे नजर आए. सिर पर खुमरी पहन पत्नी कौशल्या साय के साथ मुख्यमंत्री ने हर्षोल्लास के साथ पूजा-अर्चना की. इस मौके पर डिप्टी CM अरुण साव, डिप्टी CM विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह समेत मंत्री-विधायक मौजूद रहे. देखिए हरेली के रौनक की तस्वीरें-
CM Vishnu Deo Sai Celebrates Hareli: छत्तीसगढ़ में धूमधाम से हरेली का पर्व मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री निवास में इस पर्व की खास रौनक देखने को मिली. CM विष्णु देव साय और पत्नी कौशल्या साय ने पारंपरिक रूप से तैयार होकर पूजा-अर्चना की. CM आवास को परंपरागत रंगों से सजाया गया. इसकी खूबसूरती और तब बढ़ गई जब CM साय, उनकी पत्नी कौशल्या साय, डिप्टी CM अरुण साव, डिप्टी CM विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह आदि ने पारंपरिक रंग में रंगकर पर्व को मनाया. देखें खूबसूरत तस्वीरें-
हरेली पर्व पर CM विष्णु देव साय पारंपरिक वेशभूषा में आए. उन्होंने सिर पर खुमरी पहनी. CM साय के अलावा उनकी पत्नी कौशल्या साय भी पारंपरिक वेशभूषा में रहीं.
CM विष्णु देव साय ने अपनी पत्नी कौशल्या साय के साथ पारंपरिक रूप से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की. सबसे पहले तुलसी माता, नांगर, कृषि उपकरणों और गेड़ी की पूजा की गई.
CM आवास में हरेली तिहार की धूम रही. कृषि उपकरणों और गेड़ी की पूजा के बाद CM विष्णु देव साय ने किसानों और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की.
इस आयोजन में डिप्टी CM अरुण साव, डिप्टी CM विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह समेत मंत्री और विधायक शामिल हुए.
हरेली पर्व के दौरान डिप्टी CM अरुण साव समेत सभी लोग खुशी से झूमते और गाते नजर आए. इस मौके पर पारंपरिक गीतों पर लोक नृत्य हुआ.
हरेली तिहार आयोजन के मौके पर CM हाउस में पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का आयोजन हुआ. लोक यंत्रों पर पूरे परिसर में पारंपरिक नृत्य हुआ और सभी खुशी से झूमते नजर आए.
हरेली का पर्व हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है. हरेली का मतलब हरियाली है. CM हाउस में पारंपरिक रूप से पूरी साज-सज्जा की गई.
इस मौके पर मेहमानों के लिए छत्तीसगढ़ी पकवान जैसे ठेठरी, खुरमी, पीडिया, गुलगुला, गुड़ का चीला आदि बनाए गए.
इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. स्थानीय कलाकारों ने इस मौके पर प्रस्तुति दी.
ये पर्व खेती और किसानी से जुड़ा हुआ है. इस दिन खेत में बोनी पूरी होने के बाद अच्छी फसल के लिए कृषि यंत्रों की पूजा की जाती है.
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