Women Empowerment: दिल्ली की बसों में महिलाओं को नहीं होगी असुविधा, सुरक्षा की गारंटी बनेंगी महिला कंडक्टर
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Women Empowerment: दिल्ली की बसों में महिलाओं को नहीं होगी असुविधा, सुरक्षा की गारंटी बनेंगी महिला कंडक्टर

दिल्ली में अब महिलाएं बसों का परिचालन करते हुए नजर आएगी. क्योंकि महिला सशक्तिकरण योजना के तहत दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 11 महिला ड्राइवर को अप्वाइंटमेंट लेटर दिया है. महिला सशक्तिकरण योजना को लेकर यह हमारा बड़ा प्रयास है और आने वाले समय में 10 और महिलाओं को अप्वाइंटमेंट लेटर दिया जाएगा.

Women Empowerment: दिल्ली की बसों में महिलाओं को नहीं होगी असुविधा, सुरक्षा की गारंटी बनेंगी महिला कंडक्टर

संजय कुमार/नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के अंदर अब महिलाएं बसों का परिचालन करते हुए आपको नजर आएगी. आज परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 11 महिला ड्राइवर को अप्वाइंटमेंट लेटर दिया है. दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री के मुताबिक महिला सशक्तिकरण को लेकर यह हमारा बड़ा प्रयास है और आने वाले समय में 10 और महिलाओं को अप्वाइंटमेंट लेटर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट है कि- दिल्ली परिवहन निगम के अंदर करीब 200 के आसपास महिला ड्राइवर परिचालन करें. आज दिल्ली के परिवहन मंत्री ने जब उनको असाइनमेंट लेटर दिया तो महिला ड्राइवर भी काफी खुश नजर आई. महिलाओं का कहना है कि हमें काफी प्राउड में महसूस हो रहा है कि अब महिलाएं भी दिल्ली की सड़कों पर बस का परिचालन करती नजर आएंगी. महिला किसी से कम नहीं है और हम दिल्ली सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमें यह मौका दिया.

गहलोत ने कहा- यह महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें रोजगार प्रदान करना सीएम अरविंद केजरीवाल का सपना था. आज 11 महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद रोजगार पत्र मिले. दस और महिलाएं प्रशिक्षित हो रही हैं जबकि अन्य बैच भी शुरू हो गए हैं. हमारी योजना डीटीसी में 200 महिला ड्राइवर रखने की है. 

उन्होंने आगे कहा कि इस साल के फरवरी के महीने में दिल्ली सरकार ने दिल्ली की DTC और क्लस्टर बसों के लिए महिला ड्राइवरों की भर्ती के लिए ऊंचाई और अनुभव मानदंड में ढील दी थी. बस चालक के पद के लिए आवेदन करने वाली महिला आवेदकों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी कर दी गई थी. जबकि भारी मोटर वाहन लाइसेंस जारी करने के बाद की अनुभव अवधि तीन साल पहले से एक महीने तक कम कर दी गई थी.

गहलोत ने आगे कहा- हमने उनके लिए मानदंडों में ढील दी थी. इन महिला ड्राइवरों ने तीन महीने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. उन्हें डिपो में प्रशिक्षित किया गया है और उन्होंने सड़क पर प्रशिक्षण भी लिया है. डीटीसी के अनुभवी प्रशिक्षकों ने उन्हें प्रशिक्षित किया है. 

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