मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पर एक कार्यक्रम में हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा था, जिसके बाद बीजेपी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. विवाद बढ़ा तो केजरीवाल सरकार ने उनसे इस्तीफा ले लिया.
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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद उनके विभाग का कार्यभार किसे सौंपा जाएगा, ये राजधानी में चर्चा का विषय बना हुआ है. नए मंत्री बनने जा रहे नामों के कयास लगने भी शुरू हो चुके हैं. माना जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गौतम के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के माध्यम से इस्तीफा राष्ट्रपति तक पहुंचा दिया है.
इस्तीफा देने से पहले राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली सरकार में 4 मंत्रालयों की कमान संभाल रहे थे.
1. गुरुद्वारा चुनाव विभाग
2.अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग
3. समाज कल्याण विभाग
4. सहकारिता विभाग
बौद्ध धर्म के एक धार्मिक आयोजन में हिन्दू देवी-देवताओं से जुड़ी विवादित शपथ दिलवाकर विवादों में फंसे राजेंद्र पाल गौतम ने इन सभी मंत्रालयों से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में एक दलित मंत्री की जगह दिल्ली को कोई नया दलित मंत्री मिलने की पूरी संभावना है. मंत्री पद के लिए जिन दो नामों की संभावना सबसे ज़्यादा है, उनमें से एक नाम नार्थ वेस्ट लोकसभा से है और दूसरा नाम ईस्ट दिल्ली लोकसभा से है.
लेकिन ये जानने से पहले कि कौन-कौन इन 4 मंत्रालयों को संभाल सकते हैं, पहले ये जान लीजिए कि आखिर कौन-कौनसे विधायक एक दलित मंत्री की जगह लेने के योग्य प्रत्याशी हो सकते हैं. दिल्ली में 70 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 12 दलित वर्ग के लिए आरक्षित हैं. महत्वपूर्ण बात है कि 12 सीटों पर AAP के ही विधायक काबिज़ हैं.
दिल्ली की आरक्षित सीटों पर दलित विधायकों की सूची
1. मुकेश अहलावत, सुल्तानपुर माजरा, AAP
2. जय भगवान, बवाना, AAP
3. राखी बिडलान, मंगोलपुरी, AAP
4. गिरीश सोनी, मादीपुर, AAP
5. अजय दत्त, अंबेडकर नगर, AAP
6. प्रकाश जारवाल, देवली, AAP
7. विशेष रवि, करोलबाग, AAP
8. राजकुमार आनंद, पटेल नगर, AAP
9. सुरेन्द्र कुमार, गोकलपुर, AAP
10. कुलदीप कुमार, कोंडली, AAP
11. रोहित महरोलिया, त्रिलोकपुरी, AAP
12. राजेन्द्र पाल गौतम, सीमापुरी, AAP
शपथ विवाद के बाद दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिया इस्तीफा
राजेंद्र पाल गौतम के अलावा इन 11 विधायकों में से 4 नाम ऐसे हैं, जो दिल्ली सरकार में गौतम द्वारा संभाले जा रहे 4 विभागों की कमान संभाल सकते हैं.
1. कुलदीप कुमार, विधायक, कोंडली
कुलदीप कुमार उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के काफ़ी क़रीबी माने जाते हैं. कुलदीप पहली बार बने विधायकों में शामिल हैं. कुलदीप पार्टी के प्रवक्ता पद पर भी हैं, साथ ही युवा और तेज़तर्रार नेता की छवि रखते हैं. हालांकि कुलदीप जिस कोंडली विधानसभा से विधायक हैं, वो डिप्टी सीएम की पटपड़गंज की नज़दीकी विधानसभा सीट है. ऐसे में आसपास की विधानसभा सीटों से दो मंत्री पद देने पर सवाल खड़े हो सकते हैं.
2. राजकुमार आनंद, विधायक, पटेल नगर
एक ताला बनाने की फैक्ट्री में काम करके वकील बनने तक का सफर अपने दम पर हासिल करने वाले राजकुमार मंत्री के उम्मीदवार हो सकते हैं। राजकुमार लाइम लाइट में नहीं रहते, लेकिन आम आदमी पार्टी के विश्वासपात्र हैं. राजकुमार की धर्मपत्नी 2013 में पटेल नगर की ही सीट से विधायक रह चुकीं हैं. राजकुमार के नाम के साथ विवादों का नाता नहीं है, ऐसे में विवादों से घिरी दिल्ली सरकार की कैबिनेट में उन्हें स्थान मिल सकता है. वैसे बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र के ही एक वॉर्ड से पार्षद रहे हैं.
3. विशेष रवि, विधायक, करोल बाग
विशेष रवि को मंत्री बनाए जाने की संभावना इसलिए ज़्यादा है क्योंकि विशेष रवि लगातार तीन बार AAP के विधायक रहे हैं. विधानसभा की कई समितियों के अध्यक्ष भी हैं और अरविंद केजरीवाल की गुड बुक्स में भी शामिल हैं.
4. राखी बिडलान, विधायक, मंगोलपुरी
विशेष रवि की तरह मंगोलपुरी से 3 बार की विधायक राखी बिडलान दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के पद पर मौजूद हैं. मज़बूत महिला प्रतिनिधि होने के साथ ही राखी AAP के सबसे शुरुआती दौर के कार्यकर्ताओं में से एक हैं. लोकपाल आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल से जुड़ी हुई हैं. हालांकि विवाद के चलते खाली हुए मंत्री पद पर राखी जैसे विवादित चेहरे को अवसर देना केजरीवाल सरकार शायद मुनासिब न समझे.
गुजरात चुनाव से पहले दिल्ली सरकार के एक और मंत्री के खिलाफ BJP ने दर्ज कराई FIR
दिल्ली में क्या है दलित मतदाताओं का गणित?
दिल्ली में 18 से 20% मतदाता दलित वर्ग से आते हैं और दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से सभी 12 आरक्षित सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही क़ब्ज़ा है. यही वजह है कि पार्टी अपने इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिए एक दलित चेहरे को ही कैबिनेट में हमेशा से जगह देती रही है और अब राजेन्द्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद से एक दलित चेहरे को ही मंत्री पद देने की संभावना प्रबल है.