Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में पिछले 15 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. इस बीच मौसम विभाग ने उत्तरकाशी में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है, जिससे मिट्टी धसने का खतरा बढ़ गया है.
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Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में पिछले 15 दिनों से फंसे 41 मजदूरों का इंतजार एक बार फिर बढ़ सकता है. शुक्रवार को ड्रिलिंग के दौरान ऑगर मशीन का हिस्सा फंसने की वजह से मशीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसके बाद अब प्लान-B पर काम शुरू किया गया है. मजदूरों के निकालने के लिए ऊपर की तरफ से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जाएगी, जो खतरनाक है. साथ ही इसमें लंबा समय भी लग सकता है. इस बीच मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
ड्रिलिंग में लग सकता है 6-7 दिन का समय
मजदूरों को बचाने के लिए पहाड़ के ऊपर से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जाएगी, जिसमें लगभग 90 मीटर तक की खुदाई करनी है. खुदाई के दौरान मलबा गिर सकता है और नीचे मजदूर भी हैं, जिसकी वजह से ये बेहद खरतनाक हो सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार, इसमें 6-7 दिन का समय लग सकता है, अगर ड्रिलिंग के दौरान कोई परेशानी आती है तो ये समय और बढ़ सकता है.
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श्रमिकों के लिए लैंडलाइन सुविधा
BSNL ने मजदूरों को परिवार के सदस्यों से बात कराने के लिए यहां पर एक लैंडलाइन सुविधा की व्यवस्था की है. साथ ही सुरंग के अंदर रेस्क्यू में जुटे लोगों के लिए सुरक्षा छतरी की तैयारी की जा रही है.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Latest visuals outside the tunnel where operation is underway to rescue the 41 workers who got trapped here on 12th November.
Preparation of protection umbrella is underway inside the tunnel where the people from the rescue team… pic.twitter.com/2eKPJGNuk4
— ANI (@ANI) November 26, 2023
उत्तरकाशी में येलो अलर्ट
रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही परेशानियों के बीच एक और बुरी खबर सामने आई है. मौसम विभाग ने उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा सहित कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है. अगर ऐसा होता है तो रेस्क्यू ऑपरेशन में और ज्यादा परेशानी हो सकती है. दरअसल, बारिश के बाद मिट्टी धसना शुरू हो जाती है, जिसकी वजह से रेस्क्यू में मुश्किल होगी. साथ ही बढ़ती ठंड भी रेस्क्यू में जुटे लोगों की परेशानी को बढ़ा सकती है.
जल्द शुरू होगी मैनुअल ड्रिलिंग
मजदूरों के रेस्क्यू के लिए खुदाई कर रही ऑगर मशीन शुक्रवार को क्षतिग्रस्त हो गई है. मजदूरों तक पहुंचने के लिए कुल 60 मीटर की खुदाई करनी थी, जिसमें अब तक केवल 47 मीटर की ही खुदाई हो पाई है. ऐसे में अब बाकी की खुदाई मैनुअल ड्रिलिंग, यानी हाथ से खुदाई की जाएगी. ऑगर मशीन के टूटे पार्ट्स को निकालने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी, जिसमें कितना समय लगेगा इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है.