रेप और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को इसी साल पंजाब चुनाव के दौरान 21 दिन की फरलो दी गई थी. ऐसे में उसे एक बार फिर पैरोल पर छोड़े जाने पर हरियाणा सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.
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विजय कुमार/सिरसा : रेप और हत्या के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 17 जून को पैरोल पर रिहा हुआ था. हरियाणा सरकार के जेल मंत्री ने बताया था कि राम रहीम को जेल में उसके अच्छे व्यवहार के कारण पैरोल दी गई.
17 जुलाई को खत्म होगी पैरोल
राम रहीम ने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में जाने की इच्छा जताई थी. बुधवार शाम राम रहीम अपने समर्थकों के साथ वॉलीबॉल खेलता नजर आया. पैरोल के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम पर किसी भी प्रकार की कोई शर्त नहीं लगाई गई है. वह रोजाना अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहा है. पिछले कई दिनों से राम रहीम का परिवार भी उनके साथ आश्रम में जुड़ा है.
राम रहीम की पैरोल 17 जुलाई को खत्म होने वाली है. सोशल मीडिया के माध्यम से वह अपने समर्थकों को मैसेज भेज रहा है. इसी साल पंजाब चुनाव के दौरान भी राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी गई थी. ऐसे में उसे एक बार फिर पैरोल पर छोड़े जाने पर हरियाणा सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.
हरियाणा में पैरोल के नियम
साल मार्च में हरियाणा सरकार ने दोषी कैदियों को पैरोल या फरलो की रियायत प्रदान करने के लिए हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थाई रिहाई) विधेयक, 2022 भी पारित किया गया था. एक कैलेंडर वर्ष में अब बिना किसी शर्त के समान रूप से सभी बंदियों को वर्ष में अधिकतम दस सप्ताह की पैरोल प्रदान की जा सकेगी. इसे कैदी एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम दो बार तक प्राप्त कर सकेंगे.
अब प्रत्येक वर्ष तीन सप्ताह का फरलो प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है. जब कोई कैदी अपनी सजा के तीन चौथाई भाग को पूरा कर लेगा या आजीवन कारावास वाले बंदी अपनी दस वर्ष की वास्तविक सजा व्यतीत कर लेंगे तो उन्हें प्रतिवर्ष चार सप्ताह की फरलो दी जाएगी.
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