UCC News: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आम आदमी पार्टी का बड़ा बयान, सैद्धांतिक रूप से आम आदमी पार्टी UCC का समर्थन करती है लेकिन सभी धर्म संप्रदायों से चर्चा कर आम सहमति बनानी चाहिए.
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Uniform Civil Code: देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर चल रही बहस के बीच दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार (Central Government) को सैद्धांतिक रूप से अपना समर्थन दिया है. हालांकि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव संदीप पाठक (Sandeep Pathak) ने इसको लेकर बीजेपी पर तंज कसते हुए बताया कि अब बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से क्यों उठा रही है.
#WATCH | We support Uniform Civil Code (UCC) in principle as Article 44 also says that there should be UCC in the country. Therefore, there should be a wide consultation with all religions, political parties and organizations and a consensus should be built: AAP leader Sandeep… pic.twitter.com/kiZoOpcgcS
— ANI (@ANI) June 28, 2023
आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संगठन महासचिव संदीप पाठक का कहना है कि सैद्धांतिक रूप से हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं. संविधान का आर्टिकल 44 भी इसका समर्थन करता है. आर्टिकल 44 कहता है कि UCC होना चाहिए, लेकिन ये मुद्दा सभी धर्म से जुड़ा है. इसलिए सरकार को सभी सम्प्रदायों और राजनीतिक दलों से सहमति बनानी चाहिए.
पाठक ने यह भी कहा, बीजेपी को यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने और इस मामले को हल से कोई लेना-देना नहीं है. बीजेपी सिर्फ भ्रम की स्थिति पैदा करती है, जिससे कि देश में लोग बंट जाएं और चुनाव में उसका फायदा लिया जा सके. संदीप पाठक ने कहा कि अगर पीएम ने पिछले 9 साल में कुछ काम किए होते तो उन्हें इससे सहारा मिलता. क्योंकि सरकार ने कुछ किया नहीं है, इसलिए चुनाव के समय UCC का सहारा लेने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं विपक्षी एकता को लेकर संदीप पाठक ने कहा कि अब कांग्रेस को तय करना है कि वह अध्यादेश के मुद्दे पर किसके साथ खड़ी है, क्योंकि जब तक कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट नहीं करती तब तक विपक्ष की किसी भी बैठक में शामिल होना आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल है.
ज़ी मीडिया से खास बातचीत के दौरान संदीप पाठक ने कहा कि 12 जुलाई को शिमला में होने वाली बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल होगी या नहीं, यह कुछ ही दिनों में स्पष्ट हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सवाल आम आदमी पार्टी को अध्यादेश पर समर्थन देने का नहीं है. बल्कि सवाल यह है कि अध्यादेश को लेकर कांग्रेस दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या फिर बीजेपी के साथ. यह कांग्रेस को बताना होगा.