किसानों की मांगे पूरी न किए पर 11 को होगी महापंचायत, SKM ने दी सरकार को चेतावनी
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किसानों की मांगे पूरी न किए पर 11 को होगी महापंचायत, SKM ने दी सरकार को चेतावनी

Haryana News: किसान आंदोलन को खत्म हुए आज 1 साल पूरा हो गया और संयुक्त किसान मोर्चा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने बताया कि कल किसानों की मांगे पूरी न किए जाने पर कल कई राज्यों के किसान महा पंचायत करेंगे. 

किसानों की मांगे पूरी न किए पर 11 को होगी महापंचायत, SKM ने दी सरकार को चेतावनी

राजेश खत्री / नई दिल्ली:  गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने सोनीपत के कुंडली में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें किसान नेताओं ने बताया  कि 11 दिसंबर रविवार को राजीव गांधी एजुकेशन सिटी परिसर (Rajiv Gandhi Education City Campus) में किसान एक बड़ी महापंचायत (Mahapanchayat) करेगा. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरकार को चेतावनी देने जा रहे हैं कि किसानों की मांगे किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने वादा किया था उनको पूरा करें. वही इस दौरान जो किसान मारे गए थे उनको भी श्रद्धांजलि दी जाएगी.

किसान आंदोलन के 1 साल बाद 11 दिसंबर रविवार को एक बार फिर से किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हैं. 11 दिसंबर को सोनीपत के राई में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और दूसरे राज्यों के किसान पहुंचेंगे. जहां आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. तो वहीं सरकार पर मांगे पूरी करवाने के लिए दबाव भी बनाया जाएगा. 

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पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि अगर किसानों को आंदोलन करने की जरुरत पड़ी तो किसान इसके लिए भी तैयार हैं.  उन्होंने कहा कि 1 साल बीतने के बावजूद भी सरकार ने एमएसपी गारंटी कानून (MSP Guarantee Act) की मांग, किसानों पर दर्ज मुकदमे, बिजली बिल और दूसरी अन्य जो मांगी हैं उनको पूरा नहीं किया गया, जिससे किसानों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ जो वादाखिलाफी की है उसके खिलाफ अब किसान एक बार फिर एकजुट होकर आगे की रणनीति बनाएंगे और इसके लिए कल महापंचायत कर महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे. 

गौरतलब है कि 1 साल पहले 11 दिसंबर 2021 को ही किसानों ने सिंघु कुंडली बॉर्डर से अपना धरना स्थगित किया था. सरकार ने MSP गारंटी कानून बनाते समेत कई मांगों पर सहमति जताई थी. मगर किसानों का आरोप है कि अभी तक ज्यादातर मांगे पूरी नहीं की गई हैं. इसलिए एक बार फिर से किसान चेतावनी के तौर पर किसानों की बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है.

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