Panipat News: हरियाणा में लगभग 25 लाख सिख समाज से लोग हैं, लेकिन महज 10% वोटर हैं. जिसे देखते हुए अब सिख समाज के लोगों की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए अब जितने भी वोट बने हैं उन्हें एक शपथ पत्र देना होगा.
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Panipat News: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नए सदस्यता फॉर्म चुनाव आयोग द्वारा जल्द जारी किए जाएंगे. करनाल के सिख समाज से अंग्रेज सिंह पन्नू द्वारा न्यायालय में एक अर्जी लगाई गई थी, जिसके बाद प्रदेश में सिख समाज के जितने भी वोट बने हैं उन्हें अब एक शपथ पत्र देना होगा. इसमें उन्हें खुद प्रमाणित करना होगा कि वह सिखों के सभी नियमों का पालन करते हैं.
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य प्रदेश में सिख समाज के वोट कम होने की वजह से काफी चिंतित हैं और उन्हें भविष्य की राजनीति में अपनी भागीदारी कम होती नजर आ रही है. हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 22 सालों का संघर्ष एक बार फिर से अंधेरे में जाता दिख रहा है, जिसकी वजह से ये फैसला किया गया है.
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रदेश सहसचिव मोहन जीत सिंह ने बताया कि करनाल सिख समाज से अंग्रेज सिंह पन्नू द्वारा न्यायालय में अर्जी लगाई गई थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार व चुनाव आयोग ने सदस्यता फॉर्म के साथ एक शपथ पत्र भी लगाने की बात कही है. सहसचिव ने बताया कि बाबा सिरसा वाले डेरे के सिख समाज के लोगों के भी फॉर्म भरे जा रहे थे. उन्होंने कहा कि केशधारी कोई भी सिख समाज से हो सकता है. इसलिए जितने भी सिख समाज के वोट बन रहे हैं उसके साथ एक शपथ पत्र लगाना अनिवार्य हो गया है, जिसमें स्वयता प्रमाणित करना होगा कि मैं सिख हूं श्री गुरु साहब सिंह में आस्था रखता हूं और सभी 10 गुरुओं को मानता हूं इसके अलावा मेरा कोई धर्म नहीं है.
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उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा नया सदस्यता फॉर्म शपथ पत्र के साथ जल्द आ जाएगा, जिसके बाद जितने भी वोट बने हैं उन्हें दोबारा से फार्म भरना पड़ेगा. मोहन जीत ने बताया कि प्रदेश में लगभग ढाई लाख वोट बने हैं जो कि बड़ा ही चिंता का विषय है. हरियाणा में लगभग 25 लाख सिख समाज से लोग हैं और केवल 10% वोट बनना चिंता की बात है. उन्होंने सभी गुरुद्वारा सभाओं से अपील किया कि वोट जरूर बनवाएं क्योंकि इससे सिख समाज की ताकत बढ़ेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा व पंजाब अलग-अलग होने के बाद पंजाब के बाद हरियाणा ऐसा प्रदेश है, जिसमें सबसे ज्यादा सिख समाज के लोग रहते हैं. उन्होंने वोट नही बनने का कारण बताते हुए कहा कि सिखों में राजनीति में जागरूकता की कमी है. वोट नहीं बनने से सिख समाज को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है.
सहसचिव ने कहा कि पिछले 22 सालों के संघर्ष का परिणाम आने का समय आया है, लेकिन वोट कम बनने के कारण सिख समाज के लोग उसका लाभ नहीं उठा पाएंगे. उन्होंने कहा कि सिखों के जितने अधिक वोट बनेंगे राजनीति में उतनी ही अधिक भागीदारी होगी.
Input- Rakesh Bhayana