Salman rushdie : लेखक का चौथा उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेस’ (The Satanic Verses) 1988 में प्रकाशित हुआ था, जिसके बाद ईरान समेत कई देशों ने उस पर बैन लगा दिया था. रुश्दी पर ईशनिंदा का आरोप भी लगाया गया. उपन्यास प्रकाशित होने के बाद ही रुश्दी को जान से मारने की धमकी दी गई थी.
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पश्चिमी न्यूयॉर्क में आज सुबह एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी (salman rushdie) पर एक शख्स ने चाकू से हमला कर दिया. चौटाक्वा इंस्टीट्यूशन (Chautauqua Institution) में आयोजित कार्यक्रम में हमलावर (Attacker) अचानक मंच पर चढ़ आया और सलमान रुश्दी और इंटरव्यू ले रहे शख्स पर हमला कर दिया.
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रुश्दी के गर्दन पर चाकू के घाव है. हमले के बाद वह मंच पर जा गिरे. उन्हें एयर एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया. इस घटना के बाद कार्यक्रम स्थल पर अफरातफरी मच गई. मौके पर मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया. पुलिस ने 25 साल के हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है.
मुंबई में जन्मे सलमान रुश्दी (72) ने बतौर लेखक 1975 में अपनी पहली नॉवेल ‘ग्राइमस’ (Grimus) के साथ करियर की शुरुआत की. अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ (Midnights Chidren) के लिए उन्हें 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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सलमान रुश्दी का चौथा उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेस’ (The Satanic Verses) 1988 में प्रकाशित हुआ था, जिसके बाद ईरान समेत कई देशों ने उस पर बैन लगा दिया था. रुश्दी पर ईशनिंदा का आरोप भी लगाया गया. उपन्यास प्रकाशित होने के बाद ही रुश्दी को जान से मारने की धमकी दी गई थी.
साथ ही ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी (ayatollah ruhollah khomeini) ने उनके लिए फतवा जारी कर दिया था. उस समय रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम देने का ऑफर दिया गया था. 'द बुकर प्राइजेज' ने रुश्दी पर हुए हमले की निंदा की है. दिल्ली स्थित ब्रिटिश लेखक विलियम डेलरिंपल ने रुश्दी पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए उम्मीद जताई कि उन्हें चोट नहीं आई होगी.