Railway News: ट्रेन को बीच रास्ते छोड़कर चला गया ड्राइवर तो आखिर क्यों बरपा हंगामा, असल गुनहगार कौन?
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Railway News: ट्रेन को बीच रास्ते छोड़कर चला गया ड्राइवर तो आखिर क्यों बरपा हंगामा, असल गुनहगार कौन?

Driver Stopped Train: चुनावी सीजन में बड़े-बड़े वादों के बीच आम जनता को अक्सर मौका ही नहीं मिलता कि वो जीवन की जरूरतों को पारदर्शी नजरों से देख पाए और उन्हें समझ पाए. जाति-धर्म समेत अन्य ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में फंसकर लोग अक्सर अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता भूल जाते हैं. ऐसे में जरा से जागरूकता से मतदान वाले दिन एक और भूल से बचा जा सकता है.

 

Railway News: ट्रेन को बीच रास्ते छोड़कर चला गया ड्राइवर तो आखिर क्यों बरपा हंगामा, असल गुनहगार कौन?

Driver Stopped Train: देशभर में चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र देने जा रहे हैं. उन्होंने अपने X अकाउंट पर रोजगार मेले की जानकारी देते हुए कहा है कि देशभर में युवाओं के लिए रोजगार सृजन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है, लेकिन भारतीय रेलवे ने 2019 के बाद से कोई बड़ी भर्ती नहीं निकाली है. 

इस साल राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि 1 जनवरी 2023 तक रेलवे में कुल 301750 पद रिक्त हैं. देशभर के युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं. सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं और अब हालात ये हो गए हैं कि नई भर्तियां न होने से नौकरी की तलाश कर रहे युवा ही नहीं, बल्कि ओवरटाइम कर रहे रेलवे कर्मचारियों का भी धैर्य टूटने लगा है.

दरअसल सहरसा से दिल्ली के लिए चली ट्रेन बुधवार दोपहर को यूपी में बाराबंकी के बुढ़वल स्टेशन पर आकर रुक गई. ट्रेन में उस समय दो से ढाई हजार यात्री सवार थे. कुछ समय तो यात्रियों को लगा कि सिग्नल न मिलने की वजह से ट्रेन नहीं चल रही है, लेकिन जब ये इंतजार मिनटों की सीमा से निकल घंटे तक पहुंचा तो यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया. जब स्टेशन अधीक्षक ट्रेन के पास पहुंचे तो ड्राइवर और गार्ड ने उससे ड्यूटी टाइम खत्म होने की बात कही. ड्राइवर ने तबीयत खराब होने की बात कहते हुए स्टेशन अधीक्षक को मेमो थमा दिया और ट्रेन छोड़कर चला गया. इसके बाद तो जैसे हड़कंप मच गया. इसके बाद गोंडा से ड्राइवर और गार्ड बुलाए गए और आखिर में करीब साढ़े 3 घंटे बाद ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो सकी. यात्री और रेलवे अधिकारियों ने ड्राइवर और गार्ड को खूब कोसा. निसंदेह ही दोनों ने बीच रास्ते ट्रेन रोककर गलत किया, लेकिन गौर से सोचने वाली बात ये है कि क्या सारी गलती ट्रेन ड्राइवर और गार्ड की है या फिर सिस्टम की खामी की वजह से नाहक ही उनको बलि का बकरा बनाया जाएगा. 

हर बार मानवीय भूल क्यों? 
अगर थोड़ा हटकर इसे समझा जाए तो ट्रेन ड्राइवर ने गाड़ी रोककर एक तरह से यात्रियों की जान ही बचाई. दरअसल लंबे रूट पर लगातार गाड़ी चलाने और ओवरटाइम की थकान से हादसा होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. पिछले जून से अब तक तीन बड़े रेल हादसों में तीन सौ से ज्यादा यात्री मारे गए. 

तीन हादसों में सैकड़ों ने गंवाई जान 

2 जून को ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकरा गईं. इस हादसे में 292 लोगों ने जान गंवा दी. इस भयानक हादसे में 12 सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे. इसके बाद बक्सर में 11 अक्टूबर को नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 4 लोग काल के गाल में समा गए, जबकि 30 यात्री घायल हुए थे. इसके बाद 30 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हुए रेल हादसे में  13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 यात्री घायल हुए थे. रेलवे ने जांच के बाद तीनों ट्रेन हादसों की वजह मानवीय चूक को बताया. 

समस्या की असल जड़ पर गौर करना जरूरी 
अगर सहरसा से दिल्ली आ रही ट्रेन को भी ड्राइवर बीच रास्ते नहीं रोकता, ड्यूटी की थकान लिए ओवरटाइम करता रहता तो शायद ये कहना थोड़ा मुश्किल होता कि ट्रेन में सवार करीब ढाई हजार यात्रियों में से कितने लोग सुरक्षित अपने गंतव्य पहुंच पाते. हो सकता है ड्राइवर की थकान की वजह से उससे कोई चूक हो जाती और ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती तो रेलवे एक बार फिर अपनी रिपोर्ट में मानवीय चूक का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेती, लेकिन सवाल ये उठता है क्या ये वाकई मानवीय चूक होती या फिर इसे रेलवे में लंबे समय से भर्ती न होने को इसकी असल वजह बताया जाता.

सवाल ये भी है कि सबसे ज्यादा युवाओं वाले देश में आज रोजगार जैसे मुद्दे पर खुद जनता सवाल नहीं करती या फिर जन प्रतिनिधि समय पर उनके सवालों के जवाब देना जरूरी नहीं समझते. 2019 में रेलवे में अगर भर्तियां नहीं हुईं तो इस पर समय रहते विचार किया जाता, लेकिन अगले चुनाव तक इसे पेंडिंग रखा गया, ताकि उसे अगले चुनाव में भुनाया जा सके. क्या लाखों बेरोजगार युवाओं के बीच आज मिल रहे 51 हजार नियुक्ति पत्र पूरे देश में रोज सफर कर रहे लाखों यात्रियों की समस्या दूर कर पाएंगे? ये देखने वाली बात होगी.

 

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