Monsoon Session शुरू होने से पहले उठी राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने की मांग, क्या है 22 जुलाई का महत्व
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2346288

Monsoon Session शुरू होने से पहले उठी राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने की मांग, क्या है 22 जुलाई का महत्व

National Flag Day: 22 जुलाई 1947 को हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का जन्म हुआ था. जिसके बाद से अब तक देश में किसी भी सरकार ने 22 जुलाई को तिरंगे के जन्मदिवस के रूप में नहीं मनाया है. वहीं अब पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने प्रणाम तिरंगा मुहिम चलाई है.

 

Monsoon Session शुरू होने से पहले उठी राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने की मांग, क्या है 22 जुलाई का महत्व

Pranam Tiranga Campaign : मोदी सरकार ने हाल ही में 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है, क्योंकि 1975 में इसी तारीख को इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल लगाया था. अब इतिहास के पन्नों पर दर्ज 22 जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने की मांग उठी है. 1947 में इसी तारीख को संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को अपनाया था, लेकिन तिरंगे के सम्मान में 22 जुलाई को आज तक राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित नहीं किया गया. इस बारे में न तो सत्ताधारी सरकार के मन में ख्याल आया और न ही विपक्ष के मन में. संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई (सोमवार) से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने प्रणाम तिरंगा मुहिम शुरू की है. उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित किया जाना चाहिए. सभी पार्टी के नेताओं से अपील है कि वे संसद में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाए जाने को लेकर चर्चा करें. 

राष्ट्रपति और पीएम को दिया जा चुका है ज्ञापन   
22 जुलाई को देश में राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए, इसकी मांग सरकार से कई बार की चुकी है. दो बार राष्ट्रपति को भी इस बाबत ज्ञापन दिया जा चुका है और प्रधानमंत्री को भी. जब सरकार ने ज्ञापन पर ध्यान नहीं दिया तो हमने देशवासियों की संभावना को साकार करने के लिए 26 जनवरी 2021 को गुरुग्राम से हर हर तिरंगा घर-घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की. साथ ही यह संकल्प लिया कि देश के घर-घर में तिरंगा पहुंचने का कार्य किया जाएगा और अपने स्तर पर देशभर में तिरंगा दिवस समारोह आयोजित किया जाएगा.  यह हमारे लिए हर्ष का विषय तब बना, जब सर्वप्रथम यूपी सरकार और उसके बाद केंद्र सरकार ने हमारे इस अभियान को अडॉप्ट कर देशभर में घर-घर तिरंगा कार्यक्रमों का आयोजन करवाया. 

यह 140 करोड़ नागरिकों का अधिकार
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने बताया कि यह अभियान केवल मेरी सोच का परिणाम नहीं बल्कि देश के 140 करोड़ देशवासियों की भावनाओं का प्रतिबिंब है. तिरंगा दिवस का आयोजन मात्र हमारी मांग नहीं, बल्कि यह देश के 140 करोड़ नागरिकों का अधिकार है. इस संबंध में हमने पत्र, ईमेल और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति  और समस्त सांसदों को देशवासियों की इच्छा से पहले ही अवगत करवा दिया है. हम अपने स्तर से देशवासियों के साथ मिलकर 2021 से ही प्रतिवर्ष देशभर में 22 जुलाई को तिरंगा दिवस का आयोजन करते हैं. यह एक इत्तेफाक है कि 22 जुलाई से संसद भवन में मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इसी दिन राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का जन्म दिवस है. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री के साथ-साथ संसद भवन में विपक्ष के लीडर और सभी सांसदों तक यह बात पहुंचे. 

ये भी पढ़ें- ई-कचरे पर लगेगी रोक, हौज खास समेत 15 मेट्रो स्टेशनों पर लगेंगे रीसाइक्लिंग बॉक्स

जनता से भी अपील 
शील मधुर का कहना है कि देश की 140 करोड़ जनता से भी हमारी विनती है कि 22 जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज के जन्मदिवस पर अपने परिवार के साथ एक छोटा सा क्लिप बनाएं और उसे सोशल मीडिया पर डालें.

Input- harikishor saha

Trending news