Pollution in NCR: दिल्ली एनसीआर में सर्दियों ने दस्तक दे दी है. उसी के साथ प्रदूषण ने भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. इससे सांस के मरीजों के लिए काफी दिक्कत हो गई है.
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Pollution in NCR: दिल्ली एनसीआर में सर्दी ने दस्तक दे दी है. उसी के साथ प्रदूषण भी अपने पैर पसार रहा है. पॉल्यूशन बढ़ते स्तर के साथ गाजियाबाद के जिला अस्पताल में एलर्जी और सीओपीडी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. लगातार प्रदूषण के बढ़ते स्तर से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और सांस के रोगियों की मुश्किल बढ़ने लगी हैं. सांस की समस्याओं से जुड़े रोगियों के लिए बढ़ता प्रदूषण का स्तर मुसीबत का सबब बनकर आया है, जिसके कारण सीओपीडी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती हुई जा रही है.
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जिला अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक 25 से 30 की संख्या में रोजाना सीओपीडी के मरीज आ रहे हैं. क्रॉनिक होने पर सीओपीडी के मरीजों से दो कदम भी चल नहीं जाता है. उनकी सांस फूलने लगती है. ऐसे में लोगों को स्मोकिंग आदि से बचना चाहिए और योग के साथ स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए. वहीं ठंडी चीज जैसे अलसी आइसक्रीम ठंडा पानी आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
वहीं हमारी ज़ी मीडिया की टीम ने बातचीत की तो अस्पताल में ऐसे मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. स्वप्निल ने बातचीत में बताया कि रोजाना ऐसे मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. बड़े हुए पॉल्यूशन स्तर और स्मोकिंग हैबिट की वजह से सीओपीडी के मरीज काफी संख्या में आ रहे हैं.
वहीं लगातार बढ़ता प्रदूषण सांस के मरीजों के लिए मुसीबत का सबक बनता जा रहा है. गाजियाबाद में चार प्रदूषण स्टेशन में से दो प्रदूषण स्टेशन का स्टार सीमा से अधिक दिख रहा है, जहां लोनी में प्रदूषण का AQI स्तर 300 के पार है. वहीं गाजियाबाद के संजय नगर में 231 के आसपास का AQI स्तर दर्शा रहा है. ऐसे में ऐसी प्रदूषित हवा में लगातार सांस लेने पर फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.
Input: Piyush Gaur