Pollution: सबसे पॉल्यूटेड शहर में रह रहे गाजियाबादी, दिल्ली नोएडा की हवा भी कम जहरीली नहीं
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1340333

Pollution: सबसे पॉल्यूटेड शहर में रह रहे गाजियाबादी, दिल्ली नोएडा की हवा भी कम जहरीली नहीं

दुनिया के टॉप-10 प्रदूषित शहरों में से चार उत्तर प्रदेश  के शहर हैं. गाजियाबाद (Ghaziabad) दुनिया के प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर, नोएडा (Noida) सातवें और वहीं, देश की राजधानी दिल्ली इस सूची में चौथे नंबर पर है.

Pollution: सबसे पॉल्यूटेड शहर में रह रहे गाजियाबादी, दिल्ली नोएडा की हवा भी कम जहरीली नहीं

Pollution: दुनिया के टॉप-10 प्रदूषित शहरों में से चार उत्तर प्रदेश  के शहर हैं. गाजियाबाद (Ghaziabad) दुनिया के प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर, नोएडा (Noida) सातवें और वहीं, देश की राजधानी दिल्ली इस सूची में चौथे नंबर पर है. तमाम देशों की राजधानियों में से दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित है. 

गाजियाबाद के एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में पिछले साल की तुलना में कम दर्ज की गई है, लेकिन यह अब भी औसतन 100 के ऊपर बना हुआ है. पिछले साल पूरे साल का औसत एक्यूआई 106.60 था, जो कि इस बार यह 102 है. यहां प्रदूषण की पांच बड़ी वजहें कंस्ट्रक्शन साइटें, रोड डस्ट-टूटी हुई सड़कें, औद्योगिक प्रदूषण, लंबा ट्रैफिक जाम और कचर डंप कर और जलाना है. इनसे पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर काफी बढ़ जाता है. 10 साल से ज्यादा पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण को बढ़ाता है.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के 56 शहरों में फरीदाबाद सबसे प्रदूषित शहर है. 2021 में PM2.5 के स्तर पर डेटा के साथ की गई रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद सूची में अगले स्थान पर हैं.

ये भी पढ़े: Cracker Ban in Delhi: अब दिल्ली में नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे, जानिए क्यों लिया इतना बड़ा फैसल

2021 में गाजियाबाद का साल का औसत PM2.5 स्तर 116 माइक्रोग्राम/घन मीटर था. दिल्ली  भारत का दूसरा सबसे प्रदूषित  शहर है. दिल्ली में 109 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है. वहीं फरीदाबाद में प्रदूषण का लेवल 106 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और नोएडा में 101 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापा गया है. 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत, दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा को वायु प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए 20-30 प्रतिशत तक फंडिंद दी जाती है. 

CSE अर्बन लैब के एक वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक अविकल सोमवंशी का कहना है कि एनसीआर के सभी शहरों की निगरानी की जा रही है, जिनमें गुड़गांव, रोहतक और बुलंदशहर शामिल हैं. उन्हें NCAP के तहत फंडिंग नहीं मिल रही है और इन शहरों में पीएम 2.5 है.

 

Trending news