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पानीपत: पानीपत के समालखा में RSS अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का आज समापन हुआ. बैठक समापन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने देश के वरिष्ठ पत्रकार डा. वेदप्रकाश वैदिक के निधन पर शोक व्यक्त किया. हिंदी पत्रकारिता में उनका विशेष योगदान रहा. उन्होनें कहा कि देश-विदेश में प्रवास करते हुए उन्होंने देश और जनहित में कई अहम काम किए. पिछले साल अहमदाबाद के कर्णावती में बैठक हुई थी. कोविड की वजह से उसमें संख्या कम थी. इस बार पानीपत में 1476 लोगों को बुलाया गया था.
बैठक में जेपी नड्डा और राष्ट्रीय सचिव बीएल संतोष ने शिरकत की. सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि बैठक में संघ का विस्तार करने और युवाओं को इसके साथ जोड़ने पर विशेष रूप से प्रस्ताव पारित हुए. उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक अनेक क्षेत्रों में कार्य करते हैं. उनमें से कई राजनीतिक क्षेत्र में भी कार्य करते हैं. उनको यहां बुलाने की परंपरा 50 सालों से चल रही है. इसलिए संघ के जो काम चल रहे हैं उन्हें उस सुनते हैं और उस पर अनौपचारिक रूप से बातचीत होती है. इस बैठक के दौरान चुनाव के पर कोई चर्चा नहीं की गई.
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आरएसएस ऊंच-नीच, छुआछूत और अस्पृश्यता को खत्म करने के लिए समाज में काम करेगा. इसके लिए जागरूकता पैदा करने को संतों की मदद भी ली जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में हम हिंदू समाज को इस कलंक से दूर करेंगे.
राहुल गांधी द्वारा संघ पर विदेश के लोकतंत्र पर दिए बयानों पर बोलते हुए होसबाले ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के सांसद हैं. इमरजेंसी जब लागू हुई थी, तब मैं जेल में था. मेरे जैसे लाखों लोगों को जेल भेजा गया था. कांग्रेस ने आज तक इस काम के लिए माफी नहीं मांगी. उनका लोकतंत्र में कोई यकीन नहीं है. अगर वह कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं तो देश में चुनाव चल रहे हैं.
संसद चल रही है. पंचायत चुनाव चल रहे हैं. सरकार्यवाह ने एक बार तो इस विषय पर कुछ बोलने की आवश्यकता महसूस नहीं की, लेकिन उसके बाद जब बोलते हुए कहा कि वह राजनीतिक एजेंडा चलाते हैं. हमारा उनके साथ राजनीतिक में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ के बारे में कांग्रेस और उनके पूर्वजों ने बहुत कुछ बोला है. देश और दुनिया के लोग अपने अनुभव से सब सीख रहे हैं. प्रमुख राजनीति नेता होने के नाते उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम सौ साल से कह रहे हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र है. इसे बनाना नहीं है. यह भौगोलिक नहीं है. यह संस्कृति दृष्टि से हिंदू राष्ट्र है. मतांतरण की साजिश व्यापक स्तर पर हो रही है. दूसरी जाति में दुर्बल, कमजोर और गरीब लोगों की सेवा करने की सोचनी चाहिए. मतांतरण रोकने के लिए काम होना चाहिए. जिला और ब्लॉक स्तर पर ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं, जिनसे समरसता बने.
देश में आज का सबसे गर्म विषय लिविंग रिलेशनशिप पर बोलते हुए ने कहा कि हम सरकार के साथ है. लाखों सालों से भारत में शादी का मतलब संस्कार है. शादी परिवार और समाज के हित में होती है. इसलिए हिंदू जीवन पद्धति के सभी मंत्र समरसता में आते हैं. उन्होंने कहा कि गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करने वाले आदमी को को पूरा करते हैं. यह न केवल शारीरिक संबंधों की बात है बल्कि आपस में संस्कार और समाज के हित की बात है. यह कोई समझौता नहीं है बल्कि संस्कार है.
Input: राकेश भयाना