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रुस्तम जाखड़/पलवल: हरियाणा सरकार द्वारा फूलों की खेती करने वाले किसानों को सहायता के रूप में दी जा रही सब्सिडी का फायदा मिल रहा है. सरकार के सहयोग से किसान परंपरागत खेती को छोड़ फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. पलवल के रहने वाले रणबीर 1 एकड़ से फूलों की खेती करके करीब 15 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. फूलों के सीजन में वह रोजाना 60 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. उनको हरियाणा में सबसे अच्छे किस्म के फूलों की खेती करने वाले किसान का भी अवार्ड मिल चुका है.
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परंपरागत खेती में होने वाले नुकसान से बचने के लिए किसान और बागवानी की खेती की तरफ रुख कर रहा हैं. पलवल का किसान फूलों की खेती करके अब आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है और सरकार द्वारा खेती करते समय उसको दी जाने वाली सब्सिडी का भी इसमें अहम रोल है. किसानों को सरकार के द्वारा फूलों की खेती पर जो सब्सिडी दी जा रही है, उससे किसान को काफी सहायता मिलती है.
पलवल के गांव पातली खुर्द में करीब 25 प्रकार के विभिन्न जापानी फूलों की खेती करने वाले किसान रणबीर ने बताया कि उनको फूलों की खेती करते हुए करीब 30 साल हो चुके हैं. वहीं फूलों की खेती करने के लिए उनको मुख्यमंत्री की तरफ से भी सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि वह पहले परंपरागत खेती करते थे, लेकिन जब उन्होंने एक दोस्त को फूलों की खेती करते हुए देखा तो उन्होंने फूल की खेती करने का मन बनाया और बागवानी विभाग के डॉक्टरों से जानकारी लेकर खुद ही फूल की खेती शुरू की. वहीं आज वह फूलों की खेती करने के लिए दूसरों को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में उनको नेट हाउस लगाने पर 65% की सब्सिडी दी गई और कहा कि पूरे भारत में उनके स्कूल सप्लाई होते हैं. शादियों के सीजन में फूलों की डिमांड बढ़ जाने पर छापा मुनाफा कमा लेते हैं. परंपरागत खेती से कहीं ज्यादा उनको फूलों की खेती में मुनाफा हो रहा है उनके परिवार के 16 सदस्य फूलों की खेती में ही योगदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में गाजीपुर मंडी में वह फूल सप्लाई के लिए जाते हैं.
जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर अब्दुल रज्जाक ने बताया कि जिला में फूलों की खेती करने वाले किसानों को सरकार विभाग के द्वारा अनुदान राशि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि रणबीर को 2016 में बागवानी विभाग के संपर्क में आए तो नेट लगाने पर 65% अनुदान राशि दी गई. उन्होंने कहा कि जो किसान दूसरे फूलों की भी खेती कर रहे हैं, उनको विभाग की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है.