Palwal News: राहत शिविरों में रह रहे लोगों को सता रहा भविष्य का डर, बोले- दूसरों की शरण में जीने को मजबूर
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1781800

Palwal News: राहत शिविरों में रह रहे लोगों को सता रहा भविष्य का डर, बोले- दूसरों की शरण में जीने को मजबूर

Palwal Flood News: यमुना के बढे़ जलस्तर ने लोगों को घर से बेघर कर दिया. कल तक जिन लोगों के सिर पर छत थी आज वो दूसरों की शरण में जीवन जीने को मजबूर है. अब उन्हें भविष्य को लेकर डर सता रहा है. 

Palwal News: राहत शिविरों में रह रहे लोगों को सता रहा भविष्य का डर, बोले- दूसरों की शरण में जीने को मजबूर

Flood Live Update: पलवल में  यमुना के बढ़े जलस्तर ने लोगों को घर से बेघर कर दिया. कल तक जिन लोगों के सिर पर छत थी आज वो दूसरों की शरण में जीवन जीने को मजबूर है. अब उन्हें राहत शिविरों में अपने लिए भोजन और पशुओं के लिए चारा तो मिल रहा है, लेकिन वो अपने और बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है. पलवल के इंदिरा नगर और समस्तीपुर गांवों को पानी में डूबो दिया. अब सरकार और प्रशासन द्वारा उनके लिए पडोसी गांव अच्छेजा में अस्थाई कैंप बनाए गए हैं. जहां दोनों गावों के ग्रामीणों को शिफ्ट कर दिया गया है और पंचायत द्वारा भोजन और पशुओं का चारा मुहैया कराया जा रहा है. 

अपने-अपने घर और गांव छोड़कर कैंपो में रह रहे लोगों का कहना है कि उनका घर गांव सबकुछ था, लेकिन कुदरत की मार ने सब छीन लिया है. अब वो दर-दर की ठोकरें खाकर जीवन जीने को मजबूर है. उनका कहना है कि उन्हें भोजन और पशुओं का चारा तो मिल रहा है, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा. अब भविष्य में उनका क्या होगा उनके बच्चों का भविष्य क्या होगा यही चिंता उन्हें दिन रात सता रही है.

ये भी पढ़ें: Faridabad News: जीवन बचाने के बाद पीड़ित कर रहे अपने सामान, कागजात को डूबे हुए घरों से निकलवाने की मांग

 

उन्होंने बताया कि उन्होंने मेहनत मजदूरी से जो मकान दुकान बनाए थे वो सब नष्ट हो गए. साथ हीबोई हुई हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. उनके पास अब कुछ नहीं बचा. किस तरह उनका जीवन यापन होगा. उन्होंने कहा कि यह इलाका ज्यादातर खेती पर निर्भर है. खेती ही इलाके की मुख्य आजीवका है. जिसपर कुदरत की मार पड़ गई. ग्रामीणों का कहना है कि अभी पानी को उतरने में बहुत समय लगेगा, ऐसे में उन्हें दूसरों पर ही आश्रित रहना होगा. अपने घर और उसका सारा सामान भी छोड़कर आ चुके हैं.

INPUT: RUSHTAM JAKHAR