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चंडीगढ़: हरियाणा में मानव तस्करी के खिलाफ और बंधुआ मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए अप्रैल में एक महीने का स्पेशल अभियान “ऑपरेशन स्माइल या ऑपरेशन मुस्कान शुरू किया गया है. इसके तहत गुमशुदा बच्चों और वयस्कों को खोजना और उनके परिवार से मिलवाया जाता है. पुलिस का इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना और मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है. पहले हफ्ते में ही पुलिस ने 105 नाबालिगों और 110 वयस्कों को खोजकर उनके परिजनों से मिलवाया.
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पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग अभियान शुरू किया गया है. इस दौरान जिला पुलिस बचाव अभियान चलाते हुए मानव तस्करी के पीड़ितों को पुनर्वास प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी. पुलिस 80 भिखारियों व 107 बंधुआ मज़दूरों को रेस्क्यू भी किया गया. अभियान को सफल बनाने के लिए सभी थानों में तैनात बाल कल्याण अधिकारी, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स, प्रदेश पुलिस के उच्च अधिकारी स्वयं इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं और प्रतिदिन टीम द्वारा किए जाने वाले कामों को रिपोर्ट ली जा रही है.
आम जनता से भी चाहिए सहयोग
पुलिस प्रवक्ता ने आमजन से आग्रह किया है कि वे मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को उसके आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर दें. सूचना देने वाले की पहचान भी पुलिस गुप्त रखेगी. अभियान के दौरान उन नाबालिगों को भी रेस्क्यू किया जाएगा, जो या तो घरों में नौकर या छोटे उद्योगों में बाल श्रमिकों की तरह काम कर रहे हैं, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर लावारिसों की तरह रह रहे हैं या भीख मांग रहे हैं.
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गुम हो चुके बच्चों का बनाएं डाटा
एडिशनल डीजीपी ओपी सिंह ने सभी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स को निर्देश देते हुए कहा कि अन्य राज्यों के सभी निजी आश्रमों में जाएं और देखें कि हरियाणा के बच्चे कौन से हैं. ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जो भटककर अन्य राज्यों में चले गए हैं और अनजान भाषा के कारण अपने घर का पता बताने में सक्षम नहीं होते हैं. इसके अतिरिक्त, जिला पुलिस अधीक्षकों द्वारा भी सभी जिलों के सभी थाना प्रबंधकों व चौकी इंचार्ज को भी उक्त मिशन पर संजीदगी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही जिला बाल कल्याण अधिकारी कार्यालय से तालमेल बनाकर कारखानों व होटलों पर काम कर रहे बच्चों के बारे में भी जानकारी हासिल करें. मानव तस्करी करने वालों, बाल मजदूरी करवाने वालों व अन्य किसी भी प्रकार का शोषण करने वालों का पता लगाएं.
डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे अगुवाई
प्रदेश में एक अप्रैल से ऑपरेशन मुस्कान को शुरू किया गया है. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पी.के अग्रवाल के मुताबिक, सभी जिलों के अधिकारीयों को स्पेशल टीम गठन करने के निर्देश दिए गए हैं. उक्त टीम की अगुवाई डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा, ताकि ऑपरेशन स्माइल का लाभ जन-जन तक पहुंचे. चूंकि बच्चे देश का भविष्य है और हमारे समाज का एक संवेदनशील तबका है.
बच्चों के मामले में एहतियात बरतने की आवश्यकता रहती है, तभी बच्चों की बेहतर काउंसिलिंग की जा सकती है. वर्तमान में जिलों के अलावा भी हमारी 22 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स काम कर रही है, जिनका मुख्य उद्देश्य आमजन व सामाजिक संस्थाओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर मां-बाप से दूर हुए बच्चों को उनके परिवार से मिलवाना है. पुलिस महानिदेशक ने बताया कि गुमशुदा, बंधक, शोषित व्यक्तियों, महिलाओं बच्चों को ढूंढकर संबंधित परिजनों को लौटाने और सूचित करने हेतु गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बाल भवन, शेल्टर होम से भी अवश्य संपर्क करें.