इक्षिता की शादी 23 नवंबर, 2017 को उजीना के रहने वाले प्रियंक बत्रा के साथ की थी, जिसमें हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया गया. शादी से पहले उन्हें बताया गया कि लड़का BA MS डॉक्टर है. शादी के बाद पता चला कि उसके पति के पास फर्जी डिग्री तो पीड़िता ने इसका विरोध किया. इसके बाद पीड़िता के साथ शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और घर से निकाल दिया गया.
Trending Photos
नूंहः दहेज उत्पीड़न के मामले में पिनगवां कस्बे की रहने वाले एक पीड़िता पिछले कई सालों से पुलिस प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रही है, लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिल पा रहा है. पीड़िता का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. आरोप है कि शादी से पहले उसके पति प्रियंक बत्रा निवासी उजीना को BA MS डॉक्टर बताया गया था.
लेकिन, जब शादी के बाद पति की फर्जी डिग्री का खुलासा हुआ, तो पीड़िता ने इसका विरोध किया. आरोप है कि इसी के चलते पीड़िता को ससुराल में मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताड़ित किया जाने लगा, जिसका पिनगवां थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. मगर राजनीतिक दबाव के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता ने बताया कि वह इस मामले में नूंह एसपी, डीएसपी, अनिल विज और सीएम विंडों पर भी कई बार शिकायत लगा चुकी है.
ये भी पढ़ेंः सोनीपत में कुट्टू का आटा खाने से एक व्यक्ति की मौत, जांच में जुटी पुलिस
पिनगवां निवासी इंदरजीत उर्फ बिट्टू ने बताया कि उन्होंने अपनी बीटेक पास बेटी इक्षिता की शादी 23 नवंबर, 2017 को उजीना के रहने वाले प्रियंक बत्रा के साथ की थी, जिसमें हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया गया. पिता का आरोप है कि शादी से पहले उन्हें बताया गया कि लड़का BA MS डॉक्टर है. पिता का आरोप है कि शादी के बाद जब उनकी बेटी इक्षिता को पता चला कि उनके पति के पास BA MS की डिग्री नहीं है तो उन्होंने कहा सुनी की. इसी हाल में इक्षिता ने बेटे को जन्म दे दिया.
आरोप है कि जब पीड़िता ने इसका ज्यादा विरोध किया तो उसे शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित किया गया और घर से निकाल दिया, जिसकी उन्होंने पिनगवां थाने में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया. पीड़िता इक्षिता का आरोप है कि पति द्वारा फर्जी तरीके से उजीना गांव में चलाई जा रही क्लीनिक की भी वह अनिल विज से शिकायत कर चुकी है, लेकिन फर्जी क्लीनिक पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती. इसी हाल में पीड़िता को कई सालों का समय बीत गया. जबकि कई जगह फर्जी तरीके से क्लीनिक चलाने वाले संचालकों पर कार्रवाई हो चुकी है.
(इनपुटः अनिल मोहनिया)