Noida News: बिल्डर और खरीदारों के बीच बढ़ रहा विवाद, सीएम योगी ने दिए समाधान के आदेश
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2014845

Noida News: बिल्डर और खरीदारों के बीच बढ़ रहा विवाद, सीएम योगी ने दिए समाधान के आदेश

Noida News: नोएडा में कई साल से बिल्डर बायर्स का विवाद चला आ रहा है. सोसायटी में रजिस्ट्री की समस्या से बायर्स जूझ रहे हैं. इसको लेकर सीएम योगी ने प्राधिकरणों को आदेश दिया कि बिल्डरों और खरीददारों के विवादों को तेजी से सुलझाया जाए.

Noida News: बिल्डर और खरीदारों के बीच बढ़ रहा विवाद, सीएम योगी ने दिए समाधान के आदेश

Noida News: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट समेत पूरे गौतमबुद्ध नगर में कई साल से बिल्डर बायर्स का विवाद चला आ रहा है. किसी सोसायटी में रजिस्ट्री की समस्या से बायर्स जूझ रहे हैं, तो किसी सोसायटी में मेंटेनेंस को लेकर सोसायटी वासियों और बिल्डर के बीच विवाद होता रहता है. इसके साथ-साथ किसी सोसायटी में एओए (AOA) को सोसायटी की जिम्मेदारी बिल्डर द्वारा नहीं सौंपी जा रही, जिसको लेकर भी विवाद होता रहता है.

अब इन सभी विवादों को सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से सीधे तौर पर सभी प्राधिकरणों को आदेश मिले हैं कि जल्द से जल्द बिल्डर-बायर्स का मामला सुलझाया जाए, जहां रजिस्ट्री रुकी हुई है. वहां रजिस्ट्री करवाना सुनिश्चित किया जाए. योगी आदित्यनाथ 8 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा आए थे. गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (GBU) में उन्होंने पूरे मेरठ मंडल में विकास कार्यों की समीक्षा की. साथ ही कानून-व्यवस्था पर विस्तार से जानकारी हासिल की. मुख्यमंत्री के सामने मेरठ की मंडलायुक्त सेलवा कुमारी गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह और विकास प्राधिकरणों ने प्रजेंटेशन दिए.

ये भी पढ़ें: Delhi Crime: बुराड़ी के उत्तराखंड कॉलोनी के नाले में मिला शव, जांच में जुटी पुलिस

 

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने बिल्डर-बायर्स विवाद को तेजी से सुलझाने की बात की है. मुख्यमंत्री ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी से मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी मांगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों प्राधिकरणों को आदेश दिया कि बिल्डरों और खरीददारों के विवादों को तेजी से सुलझाया जाए. कानूनी प्रक्रियाओं में मसलों को उलझाने की आवश्यकता नहीं है. उन रास्तों पर काम किया जाए, जिससे समस्याएं सुलझ सकें. खरीददार परेशान हैं और लगातार सरकार से संपर्क कर रहे हैं. सरकार समस्याओं को सुलझाने के लिए लगातार प्राधिकरणों को आदेश दे रही है, लेकिन समाधान नहीं निकल पा रहा है. इससे आम आदमी में नाराज़गी बढ़ती हैं.

ग्रेटर नोएडा में बिल्डर व अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन की तरफ से फ्लैट खरीदारों का हक दिलाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से गठित समिति ने मंगलवार 13 दिसंबर को बैठक की. इस बैठक में प्राधिकरण, क्रेडाई और फ्लैट खरीदारों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने, सोसायटी में एओए का गठन, सोसायटी का आईएफएमएस फंड का हस्तांतरण, फ्लैटों की रजिस्ट्री, फायर सिस्टम को दुरुस्त कराने आदि मसलों का हल निकालने पर चर्चा हुई. क्रेडाई ने भी इन मुद्दों को शीघ्र हल कराने का आश्वासन दिया है. अब इस समिति की अगली बैठक अगले साल 3 जनवरी को होगी.

ग्रेटर नोएडा में करीब 200 सोसायटियां विकसित हो रही हैं. इनमें तमाम सोसाइटियां ऐसी हैं, जिनके निवासियों व बिल्डर या अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के बीच विवाद होते रहते हैं. कभी बायर्स के पक्ष में रजिस्ट्री न होने को लेकर, ट्रांसफर मेमोरंडम के लिए एनओसी जारी न करने पर तो कभी सोसायटी में अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के गठन को लेकर और कभी सोसायटी के आईएफएमएस फंड का हस्तांतरण न किए जाने पर विवाद होता रहता है.

इन विवादों को शीघ्र निस्तारित करने के लिए प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एसीईओ की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति गठित कर दी. प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव इस समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं. शेष 8 सदस्य नामित किए गए हैं, जिनमें प्राधिकरण के अधिकारियों के अलावा क्रेडाई के प्रतिनिधि शामिल हैं. इस समिति की पहली बैठक 21 नवंबर को संपन्न हुई थी और 12 दिसंबर को इस समिति की दूसरी बैठक हुई, जिसमें एसडीएस इंफ्राटेक, नंदी इंफ्राटेक हवेलिया बिल्डर्स, सुपरटेक ईको विलेज वन और रुद्रा बिल्डवेल के प्रोजेक्ट से जुड़े विवादों को सुलझाने पर चर्चा की गई.

प्राधिकरण के एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि सेक्टर ओमेगा 2 स्थित एसडीएस इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट एनआरआई रेजिडेंसी सोसायटी में लिफ्ट की समस्या सामने आई, जिसे शीघ्र हल करने के निर्देश दिए गए हैं. अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन को समिति हैंडओवर करने की प्रक्रिया भी फरवरी तक पूरी करने को कहा गया है. नंदी इंफ्राटेक के सेक्टर 10 स्थित अमात्रा होम्स में फ्लैट खरीदारों ने रजिस्ट्री का मुद्दा उठाया. बिल्डर को ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जल्द लेकर रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए गए.

लिफ्ट की समस्या यहां भी सामने आई, जिसको शीघ्र हल करने को कहा गया. हवेलिया बिल्डर के खरीदारों ने एओए गठित न किए जाने और सोसायटी में अवैध निर्माण को तोड़ने का मसला उठाया. समिति ने बिल्डर को फरवरी तक चुनाव कराने और एओए गठित करने के निर्देश दिए. साथ ही अवैध निर्माण को भी शीघ्र तोड़ने के निर्देश दिए हैं.

इसी तरह सुपरटेक ईको विलेज वन की लिफ्ट की समस्या और रुद्रा बिल्डवेल के केबीनोज फ्लैट बायर्स ने रजिस्ट्री का मुद्दा उठाया. बिल्डर की तरफ से समिति को बताया गया कि ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट लेने की प्रक्रिया चल रही है. शीघ्र ही रजिस्ट्री भी शुरू हो जाएगी. इस बैठक में क्रेडाई की तरफ से गीतांबर आनंद, दिनेश गुप्ता सुबोध गोयल, सुशांत गुप्ता और संजय राणा के अलावा प्राधिकरण की तरफ से नामित अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी प्राधिकरण अब अपने प्राधिकरण क्षेत्र में पड़ने वाले बिल्डर के साथ लगातार बैठक कर उन्हें कड़े निर्देश दे रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने बिल्डर और एओए के साथ एक बैठक हुई और उसमें बिल्डर्स को महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए.

बैठक में नोएडा के 5 ग्रुप हाउसिंग के बिल्डर्स, मैसर्स इम्पीरियल हाउसिंग वेन्चर प्रा लि (पारस टियेरा), नौएडा, मैसर्स सुपरटेक लि नौएडा, मैसर्स सेठी बिल्डवेल प्रा ली, मैसर्स अन्तरिक्ष डवलपर्स प्रा लि, एवं मैसर्स अजनारा इण्डिया लि के बायर्स की समस्याओं के समाधान के संबंध में अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन (एओए) के पदाधिकारी एवं संबंधित बिल्डर्स के पदाधिकारियों की प्राधिकरण के बोर्ड रूम में संयुक्त बैठक आयोजित की गयी.

इस बैठक में मैसर्स इम्पीरियल हाउसिंग वेन्चर प्रालि एवं मैसर्स सेठी बिल्डवेल प्रा. लि. बिल्डर्स को आईएफएमएस की धनराशि को एक महीने के भीतर एओए को ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए. निर्देश दिए गए कि अवशेष 2850 फ्लैटो के जल आपूर्ति के लिए प्राधिकरण के जल विभाग द्वारा नोटिस बिल्डर को दिया जाए. सुपरटेक का एक प्रोजेक्ट एनसीएलटी से जुड़ा हुआ है, जिसके लिए बैठक में उपस्थित आईआरपी के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि परियोजना में ओसी प्राप्त 20 टावरों को एओए को ट्रांसफर करने के संबंध में एक सप्ताह के भीतर विधिक प्रकिया से अवगत कराना सुनिश्चित करें.

Trending news