Niti Aayog Meeting: नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मनोहर लाल का संबोधन, बोले- पीपीपी के माध्यम से 44 हजार से अधिक बुजुर्गों को घर बैठे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का लाभ देने में सफल हुए हैं. इसके आलावा, 81 हजार दिव्यांगजनों को भी घर बैठे पेंशन प्रदान की गई है.
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Niti Aayog Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक हुई, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी हिस्सा लिया. बैठक में अपने संबोधन में मनोहर लाल ने कहा कि पीपीपी के माध्यम से 44 हजार से अधिक बुजुर्गों को घर बैठे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का लाभ देने में सफल हुए हैं. इसके आलावा, 81 हजार दिव्यांगजनों को भी घर बैठे पेंशन प्रदान की गई है.
उन्होंने कहा कि आयुष्मान चिरायु योजना के तहत लगभग 75 लाख चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं. निरोगी हरियाणा योजना में पिछले 5 माह में 7 लाख से अधिक गरीबों के स्वास्थ्य की जांच तथा 47 लाख लैब टैस्ट किये गये हैं. पात्र 32 लाख से अधिक बी.पी.एल. परिवारों के घर बैठे ऑनलाइन ऑटोमेटिक ढंग से राशन कार्ड बनाए गए हैं.
प्रधानमंत्री के जल संरक्षण के सपने को साकार करने के लिए हरियाणा कर रहा भरसक प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत का विकास और आत्मनिर्भरता जल सुरक्षा और जल कनेक्टिविटी पर निर्भर है. हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री के जल संरक्षण के सपने को साकार करने के लिए कई कदम उठाए हैं. वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत उपचारित जल का उपयोग करने के उद्देश्य से हरियाणा उपचारित अपशिष्ट जल नीति बनाई गई है. जल संरक्षण और फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की गई है और धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में राज्य की कुल पानी की मांग 34,962.76 मिलियन क्यूबिक मीटर आंकी गई है, जबकि सभी संसाधनों से कुल जल की उपलब्धता 20,935,98 मिलियन क्यूबिक मीटर है इसीलिए पानी की मांग और उपलब्धता के गैप को कम करने के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा एक एकीकृत जल योजना तैयार की गई है. इसके तहत सभी 22 जिला स्तरीय जल संसाधन योजना समितियों ने निचले स्तर पर ब्लॉक स्तरीय योजना तैयार की है.
मनोहर लाल ने अपने संबोधन में आगे कहा कि यह प्रयास भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जहां जमीनी स्तर पर सतही और भूजल की ब्लॉक स्तरीय जल संसाधन उपलब्धता का आकलन किया गया है और पानी की मांग और आपूर्ति के अंतर को व्यवस्थित और वैज्ञानिक रूप से आंका गया है।
(इनपुटः विनोद लांबा)