मामला नारनौल का है. निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद बच्ची की तबियत खराब होने लगी. इस बीच जब सीसीटीवी फुटेज चेक किया गया तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं.
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रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ : समाज में बेटियों के अस्तित्व को बचाने और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी, उसी हरियाणा में दो माह की मासूम के साथ उसकी ही मां ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं.
मामला नारनौल का है, जहां अस्पताल में एक महिला ने गला दबाकर अपनी ही बेटी को मारने की कोशिश की. यह पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया. थाना प्रभारी कृपाल सिंह के मुताबिक महिला की ये पहली बच्ची है. प्रारंभिक जांच में यही बात सामने आई है महिला बेटी नहीं चाहती थी, इसलिए उसे ये कदम उठाया.
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राजस्थान के झुंझनू की रहने वाली दो माह की बच्ची को सांस लेने में दिक्कत के चलते नारनौल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तीन दिन तक डॉक्टर्स ने बच्ची को एसएनसीयू वार्ड में रखकर इलाज किया. बच्ची थोड़ी ठीक हुई तो डॉक्टर ने उसे दूध पिलाने के लिए मां को दे दिया.
सब कुछ ठीक चल रहा था कि रात को अचानक स्टाफ ने फोन कर डॉक्टर को बताया बच्ची की धड़कन कम हो रही है, जिसके बाद डॉक्टर ने तुरंत बच्ची को प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर रेफर कर दिया. बच्ची की हालत को देखकर डॉक्टर भी हैरान थे कि आखिर अचानक क्या हुआ.
शक होने पर अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए. इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज देखकर सभी हैरान रह गए. फुटेज में मां, बच्ची का गला दबा रही है और गर्दन मरोड़ रही है, जिसके बाद डॉक्टर ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर केस दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है.