मात्र 269 वोटों से जीतीं AAP की मेयर कैंडिडेट शैली ओबेरॉय कौन हैं और कैसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर
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मात्र 269 वोटों से जीतीं AAP की मेयर कैंडिडेट शैली ओबेरॉय कौन हैं और कैसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर

शैली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की मेयर कैंडिडेट होंगी. शैली ओबेरॉय पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार दीपाली कपूर को हराया था. 39 साल की शैली दिल्ली विश्वविधालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं.

मात्र 269 वोटों से जीतीं AAP की मेयर कैंडिडेट शैली ओबेरॉय कौन हैं और कैसा रहा अब तक का राजनीतिक सफर

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीतकर आम आदमी पार्टी निगम की सत्ता पर काबिज हो चुकी है. निगम में आप की सरकार आने के साथ ही ये सवाल तेज हो गया था कि परिसीमन के बाद 250 वार्डों वाली दिल्ली निगम का मेयर कौन होगा. आम आदमी पार्टी ने मेयर का ऐलान कर दिया है. शैली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की मेयर कैंडिडेट होंगी. वहीं पार्टी ने विधायक शोएब इकबाल के बेटे आले मोहम्मद को डिप्टी मेयर कैंडिडेट बनाया है. आम आदमी की PAC की बैठक में यह में निर्णय लिया गया. मेयर और डिप्टी मेयर 3 महीने के लिए वहीं स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य 1साल के लिए होंगे. पीएसी की बैठक में 6 नाम तय हुए हैं, जिसमें से चार स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य होंगे. स्टैंडिंग कमेटी के लिए आमिल मलिक, रमिंदर कौर, सारिका चौधरी और मोहिनी जीनवाल के नाम पर मुहर लगाई गई है. 

कौन हैं शैली ओबेरॉय?
शैली ओबेरॉय पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार दीपाली कपूर को हराया था. 39 साल की शैली दिल्ली विश्वविधालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. साथ ही वह इंडियन कॉमर्स एसोसिएशन की लाइफटाइम मेंबर भी हैं. मेयर कैंडिडेट शैली पीएचडी तक की पढ़ाई की हैं. 2022 निगम चुनाव में शैली पहली बार वार्ड पार्षद बनी हैं. शैली की चुनाव काफी रोचक रही वो मात्र 269 वोटों से चुनाव जीती थीं. 

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सीक्रेट बैलेट के जरिए होगा मेयर का चुनाव
दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिए होगा. मेयर चुनाव में 250 पार्षद हिस्सा लेंगे. 6 जनवरी को दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव होगा. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने 6 जनवरी 2023 को नगर निगम की पहली बैठक की मंजूरी दी है. बता दें कि निगम में कोई पांच सालों तक महापौर नहीं होगा. महापौर का पद एक-एक साल के लिए होगा. पहला साल महिलाओं के लिए आरक्षित है और दूसरा अनारक्षित वर्ग के लिए, तीसरा आरक्षित वर्ग के लिए और बाकी के दो साल अनारक्षित श्रेणी के लिए है. 

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