Mahashivratri 2023: महशिवरात्रि पर मंदिरों में भक्तों का तांता, बेल पत्र और दूध से किया जा रहा अभिषेक
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Mahashivratri 2023: महशिवरात्रि पर मंदिरों में भक्तों का तांता, बेल पत्र और दूध से किया जा रहा अभिषेक

महाशिवरात्रि पर देशभर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा होने शुरू हो गई है. वहीं भक्त जन उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक बेल पत्र और दूध से कर रहे हैं.

 

Mahashivratri 2023: महशिवरात्रि पर मंदिरों में भक्तों का तांता, बेल पत्र और दूध से किया जा रहा अभिषेक

नई दिल्ली: पूरे देश के मंदिरों में महाशिवरात्रि पर भक्तों का तांता लग गया है. वहीं धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में बड़ी धूम धाम से महाशिवरात्रि मनाई जा रही है. मंदिरों में भक्तों का तांता लगने लगा है. इस दिन भगवान भोले नाथ का अभिषेक बेल-पत्र और दूध आदि से किया जा रहा है. वहीं भक्त जनों ने भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए उपवास रख रखा है. 

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फाल्गुन मॉस की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था. प्रलय की वेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं. इसलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया. तीनों भवनों की अपार सुंदरी और शीलवती गौरां को अर्धांगिनी बनाने वाले शिव प्रेतों व पिशाचों से घिरे रहते हैं. शरीर पर मसानों की भस्म, गले में सर्पों का हार, कंठ में विष, जटाओं में जगत-तारिणी पावन गंगा और माथे में प्रलयंकर ज्वाला है. बैल को वाहन के रूप में स्वीकार करने वाले शिव अमंगल रूप होने पर भी भक्तों का मंगल करते हैं और श्री-संपत्ति प्रदान करते हैं.

वहीं गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में भी भक्तों का जमावड़ा लग गया है. मान्यता है कि यहां रावण के पिता विश्वश्रवा पूजा किया करते थे. उनका गांव बिसरख यहां से पास में ही है. वहीं वहां से आने जाने के लिए पुराने समय में एक सुरंग भी थी, जिससे वो यहां पूजा करने आते थे. फिलहाल गुफा का जिर्णोंद्धार कर उसे एक कमरे का रूप दे दिया गया है.

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