Mahashivaratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन 5 शुभ मुहूर्त मे करें भोले बाबा की पूजा, जानें शिव कथा और पूजा विधि
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Mahashivaratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन 5 शुभ मुहूर्त मे करें भोले बाबा की पूजा, जानें शिव कथा और पूजा विधि

इस साल 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह की वर्षगांठ मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि का व्रत रखने शिवजी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते है.

Mahashivaratri 2023: महाशिवरात्रि पर इन 5 शुभ मुहूर्त मे करें भोले बाबा की पूजा, जानें शिव कथा और पूजा विधि

MahaShivratri 2023: महाशिवरात्रि के दिन शिव और पार्वती की शादी की सालगिराह मनाई जाती है. इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि का व्रत रखने से शिवजी अपने भक्तों की इच्छाएं पूरी करते हैं. महाशिवरात्री के दिन शिव-पार्वती की शादी का उत्सव मनाया जाता हैं. महाशिवरात्रि की पूजा मध्यरात्रि में किए जाने का विधान है. आइए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं.

महाशिवरात्रि 2023 के शुभ मुहूर्त (MahaShivratri 2023 Shiv Puja Shubh Muhurat)
सुबह 8.22 बजे से 9.46 बजे तक शुभ का चौघड़िया है
दोपहर 2.00 बजे से 3.24 बजे तक लाभ का चौघड़िया रहेगा.
दोपहर 3.24 बजे से 4.49 बजे अमृत का चौघड़िया है. अमृत काल शिव पूजा के लिए बहुत ही फलदायी और लाभकारी होता है.
शाम 6.13 बजे से 7.48 बजे तक महादेव की उपासना का मुहूर्त.

18 फरवरी को रात 10.58 बजे से 19 फरवरी को रात 1.36 बजे 

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महाशिवरात्रि पूजा विधि (MahaShivratri Pujan Vidhi)

- महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र, भांग, धतूरा, फूल, जरूर चढ़ाएं. 
- घर में पूजा करने पर नदी या सरोवर की मिट्‌टी से 108 शिवलिंग बनाएं और फिर उसका दूध, गंगाजल, शहद, दही, से अभिषेक करें.
- महाशिवरात्रि में तुलसी, हल्दी, शंख, नारियल, केवड़ा का फूल का इस्तेमावल नहीं करना चाहिए. 
- शिवरात्रि की पूजा के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. 

शिव और पार्वती कथा (Shivratri Katha)
शिव और पार्वती का मिलन  शिवरात्रि को हुआ था इसलिए यह दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों सालों की तपस्या करके 107 बार जन्म लिया था और 108वें जन्म में शिव ने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.शिवरात्रि के दिन दोनों की शादी हुई थी.इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि कुंवारे लड़की लड़कियों जो शिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है.