मध्य प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा के दावे साबित हो रहे सिर्फ जुमले, सरकारी हॉस्टल में छात्राओं के नहाने का Video Viral
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मध्य प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा के दावे साबित हो रहे सिर्फ जुमले, सरकारी हॉस्टल में छात्राओं के नहाने का Video Viral

MP News: दमोह का वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने जांच समिति बना दी है, जिसकी रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. आरोप है कि हॉस्टल की वार्डन और उनके पति ने ये वीडियो बनाए थे. 

मध्य प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा के दावे साबित हो रहे सिर्फ जुमले, सरकारी हॉस्टल में छात्राओं के नहाने का Video Viral

भोपाल/दमोह: मध्य प्रदेश सरकार बेटियों को लेकर कई योजनाएं चला रही है. सूबे की इन योजनाओं पर सरकार जनता में वाहवाही भी लूटती है, लेकिन दमोह इसी प्रदेश में बेटियों के साथ किए गए सलूक से सबको शर्मसार कर दिया. दरअसल दमोह के एक सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली नाबालिग बच्चियों का एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद उपजे विवाद ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. 

वायरल वीडियो में बच्चियों के खुले में नहाने जैसे दृश्य दिख रहे हैं. आरोप है कि हॉस्टल की वार्डन और उनके पति ने ये वीडियो बनाए. दरअसल हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी में पढ़ने वाली छात्राएं दमोह के पथरिया स्थित कस्तूरबा गांधी गर्ल्स हॉस्टल में रहती हैं. तीन चार दिनों से लगातार सोशल मीडिया पर इस गर्ल्स हॉस्टल के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद हड़कंप मच गया.

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कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी
दमोह के कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए समिति बनाई है. हॉस्टल में रहने वाली बच्चियों के परिजन भी नाराज हैं. परिजनों ने एसपी आफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई तब जाकर मामला खुलकर सामने आया. 

एसपी ने FIR के दिए निर्देश
कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद पुलिस को एफआईआर दर्ज करने को लिखा है, जिसके बाद पथरिया पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया. एसपी राकेश कुमार सिंह के मुताबिक कलेक्टर द्वारा बनाई जांच समिति की रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए हैं और आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट, नाबालिगों पर अत्याचार और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत केस आगे बढ़ाया जा रहा है. 

दमोह में अधिवक्ता मनीष नगाइच के मुताबिक जिन बालिका छात्रावासों को सुरक्षित कहा जाता है, वहीं लड़कियां असुरक्षित हैं. उनके नहाने के वीडियो वायरल हो रहे हैं. यह तस्वीरें बताती हैं कि शिवराज सरकार के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बालिका छात्रावास के क्या हालात है. परिजनों को अब यह सोचकर चिंता सता रही है कि कहीं छात्रावास में रह रही बेटियों का शोषण तो नहीं किया जा रहा है. 

इनपुट- महेंद्र दुबे

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