Delhi Assembly Election: बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली के लिए जंग शुरू हो चुकी है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी जांच एजेंसियों की मदद से उनके नेताओं पर दबाव डाल रही है. कितनी सच्चाई है इन आरोपों में?
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Delhi News: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने इस बार के दिल्ली के चुनाव को धर्मयुद्ध बताया है. रविवार को उन्होंने कहा था कि बीजेपी के पास कौरवों की तरह अथाह पैसा और पावर है, जबकि हमारे साथ पांडवों की तरह भगवान और जनता हैं, लेकिन कद्दावर नेता कैलाश गहलोत के आप छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने की शुरुआत कैसे हुई? क्या बीजेपी पांडवों में दरार डालने में कामयाब हो गई? खुद को कभी अरविंद केजरीवाल का हनुमान कहने वाले कैलाश गहलोत कैसे कुछ ही महीनों में भाजपाई बन गए? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए करीब 9 महीने पीछे मुड़कर जाना होगा.
गहलोत बोले- मैं प्रेशर में नहीं आता हूं
सोमवार को बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत ने कहा कि ये उनके लिए आसान कदम नहीं था. अन्ना आंदोलन के समय से ही हम आम आदमी पार्टी से जुड़े और लगातार दिल्लीवासियों के लिए काम किया. कुछ लोगों को लगता होगा कि मैंने ओवरनाइट या किसी के दबाव में निर्णय लिया है तो आज तक मैंने ऐसा कभी नहीं किया, मैं दवाब में नहीं आता हूं. उन्होंने कहा कि ED और सीबीआई के दबाव का नेरेटिव बनाया जा रहा है. जो पूरी तरह गलत है. दरअसल गहलोत के इस्तीफे के बाद से आम आदमी पार्टी के नेता लगातार कह रहे हैं कि कैलाश के पास आम आदमी पार्टी को छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. हालांकि कैलाश गहलोत ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया.
मेरा मकसद दिल्ली के लिए काम करना
गहलोत ने कहा- मैं पेशे से वकील हूं, वकालत छोड़कर हम अन्ना आंदोलन से जुड़े, हजारों लाखों लोगों ने अपना काम छोड़ा और पार्टी से जुड़े.जब अपनी आंखों के सामने जिन वैल्यूज के लिए आप कॉम्प्रोमाइज्ड न करें, लेकिन आम आदमी पार्टी ने कर लिया.आज आम आदमी पार्टी के लोग खास हो गए हैं. अगर कोई सरकार लगातार हर छोटे और बड़े विषय पर केंद्र सरकार के साथ पूरा समय लड़ाई में निकालेगी तो दिल्ली का विकास नहीं हो सकता. मेरा मकसद दिल्ली के लिए काम करने का था. खुद की इच्छा नहीं थी. गहलोत ने कहा कि दिल्ली में अगर विकास संभव है तो केंद्र सरकार के साथ मिलकर हो सकता है. यही कारण है कि मैंने भाजपा ज्वाइन की है. PM मोदी की लीडरशिप में हम आगे बढ़ेंगे.
मार्च में ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद जांच एजेंसी के समन पर पहुंचे परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से करीब 5 घंटे पूछताछ की गई थी. गहलोत उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने शराब नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया था. पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत पर साउथ के शराब कारोबारी विजय नायर को अपना सरकारी आवास भी देने का आरोप है.
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