Delhi Election 2025: 5 फरवरी को सतीश जैन का मुकाबला आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पुनर्दीप सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी मुदित अग्रवाल से होने वाला है. अब देखना होगा कि पेशे से व्यवसायी सतीश जैन की सामाजिक छवि को भुनाकर बीजेपी इस सीट पर वापसी कर पाती है या नहीं.
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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में चांदनी चौक सीट बनने के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पहली जीत हासिल की थी, लेकिन इसके बाद जैसे पार्टी को ग्रहण लग गया. इसके बाद 20 साल तक कांग्रेस और उसके बाद इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा जमा लिया. इस सीट पर 27 साल से जीत का इंतजार कर रही बीजेपी ने इस बार सतीश जैन को यहां से प्रत्याशी बनाया है. आखिर कौन हैं सतीश जैन, क्यों बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया, आइए अब इसे समझ लेते हैं.
व्यवसाय का मजबूत आधार
ट्रैक्टर स्पेयर पार्ट्स और मशीनरी व्यवसाय से जुड़े बीजेपी उम्मीदवार सतीश जैन ने एम.ए. अर्थशास्त्र से की है. मोरी गेट और आनंद पर्वत जैसे प्रमुख व्यावसायिक इलाकों में उनकी मजबूत उपस्थिति ने उन्हें व्यावसायिक स्तर पर पहचान दिलाई है.
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आरआरएस से ताल्लुक रखते हैं सतीश
सतीश जैन का राजनीतिक सफर 1967 में जनसंघ के साथ शुरू हुआ था. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी लंबे समय तक जुड़े रहे. संघ के विभिन्न शिविरों और गतिविधियों से उनके नेतृत्व कौशल को बढ़ाया. 1997 से 2002 तक बतौर निगम पार्षद और सदर पहाड़गंज जोन के चेयरमैन के रूप में उन्होंने जनहित के कई कार्य किए। इसके अलावा भाजपा में मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर उन्होंने कई पदों पर अपनी सेवाएं दीं.
सामाजिक कार्यों में भी रुचि
समाज सेवा के प्रति सतीश जैन की गहरी रुचि ने उन्हें कई संगठनों से जोड़ा. वे जैन समन्वय समिति, नव आदर्श जनहित संघ और हिन्दू पर्व समन्वय समिति जैसे संस्थानों के संस्थापक और संरक्षक हैं. 2022 में मॉडल टाउन विधानसभा प्रभारी के रूप में उन्होंने तीनों निगम क्षेत्रों-मॉडल टाउन, संगम पार्क और कमला नगर में भाजपा को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया. बीजेपी को उनके प्रबंधन कौशल और क्षेत्रीय जुड़ाव का अच्छा खासा फायदा मिला.
अयोध्या समेत कई आंदोलनों में रहे सक्रिय
सतीश जैन की सक्रियता केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं रही. उन्होंने अयोध्या आंदोलन, रामसेतु आंदोलन और अमरनाथ भूमि विवाद जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर भी सक्रिय भागीदारी निभाई. उनके नेतृत्व कौशल ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित करने में मदद की. शायद यही वजह रही कि बीजेपी ने चांदनी चौक से बतौर प्रत्याशी उतारा. चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. अब यह देखना रोचक होगा कि मतदाता सतीश के अनुभव और नेतृत्व को किस रूप में स्वीकारते हैं. 5 फरवरी को उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पुनर्दीप सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी मुदित अग्रवाल से होने वाला है.