Delhi Election 2025: दिल्ली की इन 5 सीटों पर एक बार भी नहीं जीती बीजेपी
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Delhi Election 2025: दिल्ली की इन 5 सीटों पर एक बार भी नहीं जीती बीजेपी

Delhi Vidhan Sabha Election 2025: दिल्ली में अगर भाजपा के प्रदर्शन की बात करें तो 19 सीटें ऐसी है, जहां बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. वहीं 19 में से पांच सीट ऐसी है, जहां भाजपा ने अभी तक एक बार भी जीत हासिल नहीं की

Delhi Election 2025: दिल्ली की इन 5 सीटों पर एक बार भी नहीं जीती बीजेपी

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में चुनावी तारीखों का ऐलान होने के बाद से सभी पार्टियों ने जुबानी हमले तेज कर दिए है. वहीं दिल्ली की कई सीटें ऐसी है, जो कि राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. 
सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है. 

इन सीटों पर कभी नहीं जीती भाजपा 
लेकिन दिल्ली में अगर भाजपा के प्रदर्शन की बात करें तो 19 सीटें ऐसी है, जहां बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है. वहीं 19 में से पांच सीट ऐसी है, जहां भाजपा ने अभी तक एक बार भी जीत हासिल नहीं की.  पटेल नगर, मादीपुर, तिमारपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, पटपड़गंज, सीमापुरी सीटें ऐसी हैं, जिन पर भाजपा ने 1993 के बाद से जीत हासिल नहीं की. वहीं त्रिलोकपुरी में भाजपा ने सिर्फ एक बार जीत हासिल की थी. वहीं अंबेडकर, मंगोलपुरी, जंगपुरा, सुल्तानपुर माजरा,  बल्लीमारान इन सीटों पर भाजपा आज तक अपना खाता खोलने में नाकाम रही है. 

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पिछले 10 वर्षों से नहीं खुला कांग्रेस का खाता 
कांग्रेस पार्टी कभी कोर वोटर माने जाने वाले मुस्लिम, अनुसूचित जाति और ब्राह्मण मतदाताओं का एक मजबूत आधार रखती थी, अब इन समुदायों से दूरी बना रही है। यह स्थिति पार्टी के लिए चिंताजनक है, क्योंकि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी जीत नहीं सका. कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहने के दौरान भी दिल्ली की  किराड़ी, रिठाला, बुराड़ी, शालीमार बाग, मुंडका, रोहिणी और मटिया महल समेत कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर वह कभी जीत नहीं पाई. वहीं कांग्रेस ने पिछले 10 दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला.  

1993 के बाद से चांदनी चौक सीट नहीं जीती भाजपा 
भाजपा, जो पिछले कुछ चुनावों में मजबूत स्थिति में रही है, अब चांदनी चौक जैसे क्षेत्रों में व्यापारियों को साधने की कोशिश कर रही है. सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने व्यापारियों की समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन दिया. भाजपा ने 1993 के बाद चांदनी चौक विधानसभा सीट पर जीत नहीं हासिल की है, लेकिन वे जनसंपर्क के माध्यम से अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं.