Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में महिला और बुजुर्ग मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगे. युवाओं की बड़ी संख्या भी महत्वपूर्ण होगी, लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों को साधने में जो भी दल सफल होगा वह सत्ता की कुर्सी पर काबिज हो सकता है.
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Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का शोर चरम पर है. हर बार की तरह इस बार भी मतदाता ही तय करेंगे कि किसकी सरकार बनेगी. लेकिन 2025 के चुनाव में कुछ खास समीकरण उभरकर सामने आए हैं, जो इस चुनाव को और भी दिलचस्प बना रहे हैं. इस बार महिलाओं और बुजुर्ग मतदाताओं की भूमिका सबसे अहम रहने वाली है.
महिला और बुजुर्ग मतदाता निर्णायक भूमिका में
दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,24,858 है. इनमें से महिला मतदाताओं की संख्या 71,73,952 और बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या 24,44,320 है. महिला और बुजुर्ग मतदाताओं को मिलाकर यह आंकड़ा कुल मतदाताओं का लगभग 62 प्रतिशत बनता है. पिछले चुनावों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो यह देखा गया है कि महिलाएं और बुजुर्ग मतदाता चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इसी के मद्देनजर राजनीतिक दल इन मतदाताओं को लुभाने के लिए नई-नई योजनाएं और वादे लेकर आ रहे हैं.
युवाओं की बड़ी संख्या भी अहम
हालांकि महिला और बुजुर्ग मतदाता चुनावी दिशा तय करेंगे, लेकिन युवा मतदाताओं की संख्या को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. 18 से 39 वर्ष की आयु वाले युवा मतदाताओं की संख्या 69,72,905 है, जो कुल मतदाताओं का 44.91 प्रतिशत है. युवा मतदाताओं का यह बड़ा वर्ग चुनाव के अंतिम परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखता है.
महिलाओं के लिए लोकलुभावन घोषणाएं
महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने बड़े वादे किए हैं. आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान योजना की घोषणा की है, जिसके तहत चुनाव जीतने पर महिलाओं को प्रतिमाह 2,100 रुपये देने का वादा किया गया है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. हालांकि, विपक्ष ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है, क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी आप ने महिलाओं को 1,100 रुपये देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ. दूसरी ओर, कांग्रेस ने 'प्यारी दीदी योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने का वादा किया गया है. कांग्रेस का यह कदम सीधे आप की योजना को टक्कर देने के लिए माना जा रहा है.
बुजुर्ग मतदाताओं को साधने की कोशिश
बुजुर्ग मतदाता इस बार भी चुनावी समीकरण का अहम हिस्सा रहेंगे. भाजपा ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से बुजुर्ग मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है. इस योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का प्रावधान है. वहीं, आप ने बुजुर्ग मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए संजीवनी योजना की घोषणा की है.
स्थानीय मुद्दे भी बनाएंगे असर
महिलाओं और बुजुर्गों को लुभाने के लिए योजनाओं की बाढ़ के बावजूद स्थानीय मुद्दे चुनावी परिणामों को गहराई से प्रभावित करेंगे. महिलाओं के लिए सार्वजनिक सुरक्षा, महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर और सस्ती परिवहन सुविधाएं प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं. वहीं, बुजुर्ग मतदाताओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, पेंशन योजनाएं और सार्वजनिक स्थानों पर बुनियादी सुविधाएं उनकी प्राथमिकता में हैं.
2020 के प्रदर्शन में कौन था आगे?
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था. भाजपा को मात्र 8 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में समीकरण बदल सकते हैं. महिला और बुजुर्ग मतदाताओं की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए भाजपा, कांग्रेस और आप सभी ने अपनी रणनीतियों में बदलाव किया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि 2020 के प्रदर्शन को दोहराने के लिए आप कितनी सफल होती है या भाजपा और कांग्रेस उसे टक्कर देने में कितनी कामयाब रहती हैं.
मतदाता सूची में नाम शामिल करने की बढ़ती मांग
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय में मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए 5,10,000 आवेदन लंबित हैं. इनमें से लगभग 3,40,000 आवेदन महिला मतदाताओं के हैं. यह संकेत देता है कि चुनाव से पहले महिला मतदाताओं की संख्या और बढ़ सकती है, जो चुनावी समीकरण को और भी दिलचस्प बना सकती है.
राजनीतिक दलों की रणनीति
इस बार के चुनाव में सभी प्रमुख राजनीतिक दल महिला और बुजुर्ग मतदाताओं पर फोकस कर रहे हैं. भाजपा ने अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत करने के साथ-साथ महिलाओं और युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई योजनाओं पर जोर दिया है. कांग्रेस ने लंबे समय बाद अपने घोषणापत्र में महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष योजनाओं को जगह दी है. वहीं, आप अपनी योजनाओं के दम पर तीसरी बार सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत है.
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