kejriwal Middle Class Demands: केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास के लोगों का 50 फीसदी पैसा टैक्स देने में चला जाता है. उन्होंने बुजुर्गों के लिए रेलवे में फिर से यात्रा के लिए छूट की बात रखी. उन्होंने कहा कि देश का अगला बजट मिडिल क्लास के हित में हो.
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नई दिल्ली: भारत में मध्यम वर्ग जो देश की प्रगति और विकास की रीढ़ माना जाता है. आज खुद को आर्थिक दबावों और उपेक्षा के बीच फंसा हुआ महसूस कर रहा है. हर चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन मिडिल क्लास की जरूरतों और समस्याओं पर ध्यान बहुत कम दिया जाता है. देश के आगामी बजट 2025 को लेकर कई वर्गों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं, लेकिन सबसे ज्यादा अपेक्षाएं मध्यम वर्ग से हैं.
शिक्षा: बजट और अवसरों में सुधार की मांग
मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए शिक्षा हमेशा प्राथमिकता रही है. लेकिन, बढ़ती निजी स्कूलों की फीस और उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत ने आम परिवारों की आर्थिक स्थिति पर भारी दबाव डाला है. शिक्षा के बजट को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की जरूरत है. इसके साथ ही, निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण और उच्च शिक्षा में सब्सिडी देने से लाखों परिवारों को राहत मिल सकती है.
बजट और इंश्योरेंस में राहत
स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च आम आदमी के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. अस्पतालों में बढ़ती लागत और प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस पर भारी टैक्स का असर सीधे मध्यम वर्ग पर पड़ता है. स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ाने और हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स में छूट देने से लाखों परिवारों की आर्थिक परेशानियां कम हो सकती हैं. इसके अलावा बुजुर्गों के लिए मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
टैक्स छूट से मिडिल क्लास को मिले राहत
इनकम टैक्स की मौजूदा छूट सीमा 7 लाख रुपये है, लेकिन मध्यम वर्ग के बढ़ते खर्चों को देखते हुए इसे 10 लाख रुपये तक बढ़ाने की आवश्यकता है. इससे करोड़ों वेतनभोगी परिवारों को राहत मिलेगी.
आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी में सुधार
मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं, जैसे खाने-पीने का सामान और घरेलू चीजें, पहले से ही महंगी हो चुकी हैं. इन वस्तुओं पर जीएसटी हटाने या कम करने से महंगाई के बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
बुजुर्गों के लिए विशेष योजनाएं
मध्यम वर्ग के बुजुर्ग अपने जीवनभर देश के लिए काम करते रहे हैं, मजबूत रिटायरमेंट योजनाओं और पेंशन का सहारा मिलना चाहिए. रेलवे टिकट पर सीनियर सिटिजन्स को पहले दी जाने वाली 50 प्रतिशत छूट फिर से शुरू करना भी एक अहम कदम होगा. यह न केवल आर्थिक राहत देगा, बल्कि उनके प्रति सम्मान का भाव भी प्रकट करेगा.
मिडिल क्लास को समर्पित हो देश का बजट
मध्यम वर्ग सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं, बल्कि उसका इंजन है. उनकी मेहनत कर योगदान और सामाजिक भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. बजट 2025 में सरकार को मिडिल क्लास की जरूरतों और समस्याओं को प्राथमिकता देनी चाहिए. इस बार देश को एक ऐसा बजट चाहिए, जो न केवल बड़े उद्योगों को बल्कि आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हो. मध्यम वर्ग की भलाई के बिना देश की प्रगति अधूरी है.
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