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Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ महापौर का चुनाव गठबंधन में लड़ने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच सोमवार को सहमति बन गई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने बताया कि समझौते के तहत आप महापौर की सीट के लिए लड़ेगी. जबकि कांग्रेस वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पद पर चुनाव लड़ेगी.
#WATCH | On Chandigarh mayor election, Congress leader Pawan Bansal says, "... We (AAP and Congress) have decided that AAP will field its candidates for the post of Mayor in the Chandigarh Mayor elections and Congress will field its candidates for Senior Deputy Mayor and Deputy… pic.twitter.com/S5GQqfT1D9
— ANI (@ANI) January 15, 2024
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के दोनों घटक आप और कांग्रेस इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन पंजाब में दोनों दलों की राज्य इकाइयां अभी तक एक-दूसरे को कोई रियायत देने के प्रति अनिच्छुक हैं. आप के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की घोषणा के बाद बंसल ने कहा कि यह चंडीगढ़ में भाजपा के कुशासन के अंत की शुरुआत है. कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एचएस लकी ने कहा कि आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा महापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह गैबी वरिष्ठ उपमहापौर और निर्मला देवी उपमहापौर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे.
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लकी ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर बंटी महौपर पद के लिए अपना नामांकन वापस लेंगे. उन्होंने कहा कि आप उम्मीदवार नेहा मुसावत वरिष्ठ उपमहापौर और पूनम उपमहापौर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेंगी. आप और कांग्रेस ने चंडीगढ़ महापौर के लिए 18 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए गठबंधन करने का फैसला किया है. यह दोतरफा मुकाबला होने जा रहा है और विश्लेषकों का मानना है कि इससे दोनों दलों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बढ़त मिलेगी.
चंडीगढ़ के 35 सदस्यीय नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं. पार्टी में एक पदेन सदस्य सांसद भी होता है जिसके पास मतदान का अधिकार होता है. आप के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं. सदन में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का एक पार्षद है. महापौर, वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए वीरवार को मतदान होगा. कांग्रेस ने 2022 और 2023 में मतदान में भाग नहीं लिया था, जिससे महापौर के चुनाव में भाजपा की जीत हुई. सदन के पांच साल के कार्यकाल के दौरान हर साल तीन पदों के लिए चुनाव होते हैं. इस साल महापौर की सीट अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए सुरक्षित है.