Delhi Leopard: बुराड़ी के मुखमेलपुर गांव में अब भी मौजूद तेंदुआ, स्थानीय लोगों ने की सर्च ऑपरेशन की मांग
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Delhi Leopard: बुराड़ी के मुखमेलपुर गांव में अब भी मौजूद तेंदुआ, स्थानीय लोगों ने की सर्च ऑपरेशन की मांग

दिल्ली के सैनिक विहार के बाद अब बुराड़ी इलाके के मुखमेलपुर गांव में तेंदुए की आशंका जाहिर करते हुए स्थानीय लोगों ने अपने आप को अनसेफ बताया. उन्होंने कहा कि वह डर के साए में  हैं.

Delhi Leopard: बुराड़ी के मुखमेलपुर गांव में अब भी मौजूद तेंदुआ, स्थानीय लोगों ने की सर्च ऑपरेशन की मांग

Delhi News: दिल्ली के सैनिक विहार के बाद अब बुराड़ी इलाके के मुखमेलपुर गांव में तेंदुए की आशंका जाहिर करते हुए स्थानीय लोगों ने अपने आप को अनसेफ बताया. उन्होंने कहा कि वह डर के साए में  हैं. क्योंकि जो तेंदुए का शव अलीपुर इलाके में सुबह जीटी करनाल हाईवे पर मिला उस तेंदुए में और जो कल मुखमेलपुर गांव के खेतों में किसानों द्वारा देखा गया तेंदुए था, उसमें किसानों द्वारा काफी फर्क बताया जा रहा है. मुखमेलपुर रहने वाले ग्रामीणों की मांग है कि जिस जंगल मे तेंदुआ गया था और जंगल में वन विभाग द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जाए.

राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पिछले दो हफ्ते से तेंदुआ दिखाई देने की खबरें सामने आ रही हैं. आखिर क्यों यह जंगली जानवर रिहायशी इलाकों का रुख कर रहे हैं. यह बात साफ नहीं हो पा रही है, लेकिन जंगली तेंदुए के अब रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोग डर के साए में जीने पर मजबूर हैं. कल बुराड़ी इलाके के मुखमेलपुर गांव के खेत में काम कर रहे किसानों ने एक तेंदुआ देखा. जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई और वन विभाग की टीम भी घटनास्थल में पहुंची. खेत मे तेंदुए के बने फुटप्रिंट को जांच के लिए भेजा गया, लेकिन आज सुबह एक तेंदुए की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत के बाद भी ग्रामीण इस बात को मानने से साफ इनकार कर रहे हैं कि जिस तेंदुए की एक्सीडेंट में मौत हुई है. वह तेंदुआ वो नहीं है जिसे उन्होंने  मुखमेलपुर गांव के खेतो में देखा था. ग्रामीणों को आशंका है कि अभी भी तेंदुआ उनके आसपास के जंगल में घूम रहा है, जिसके चलते वह डर के साए में जी रहे हैं.

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स्थानीय लोगों की मांग है कि वन विभाग की तरफ से जंगल में एक सर्च ऑपरेशन चलाया जाए . जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जिस तेंदुए की सड़क हादसे में मौत हुई है. यह तेंदुए वही तेंदुआ है, जो जंगल के अंदर कल घूमता हुआ पाया गया था. क्योंकि स्थानीय लोगों को कहना है कि सर्च ऑपरेशन इसलिए भी जरूरी है. अगर जिस तेंदुए को लेकर ग्रामीण जीवित होने की आशंका जता रहे है. अगर वह वास्तव में तेंदुआ ठीक उसी जंगलों में मौजूद है तो उससे कही-कही जंगल के बिल्कुल 50 फुट की दूरी पर बने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे खतरे में पड़ सकते हैं. साथ ही खेत में काम करने वाले किसानों पर भी तेंदुए हमला कर सकता है.

फिलहाल यह तो अभी साफ नहीं कह जा सकता है कि जिस तेंदुए की आज सुबह सड़क हादसे में मौत हुई. यह तेंदुआ वही तेंदुआ है जो मुखमेल में दिखाई दिया, लेकिन इस बात को क्लियर करने के लिए वाइड लाइन और वन विभाग की टीम ने मृत तेंदुए के फुटप्रिंट लिए हैं. जो फुटप्रिंट कल वन विभाग द्वारा जमीन से उठाए गए थे उन फुटप्रिंटन को मैच करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से यह जरूर साफ कर दिया गया है जो तेंदुआ साउथ दिल्ली के सैनिक फार्म में देखा गया था यह तेंदूआ वह नहीं है.

Input: नसीम अहमद