Lakhpati Didi Scheme: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लखपति दीदी योजना चला रही है, जिससे महिलाएं अपना काम कर न केवल खुद आत्मनिर्भर हो रही है बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में काम कर रही हैं.
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Fatehabad News: महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप समेत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसमें से एक है लखपति दीदी योजना. सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप से जुड़ी महिलाएं से योजनाए के तहत अपना काम कर न केवल खुद आत्मनिर्भर हो रही है बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में काम कर रही हैं.
दरअसल फतेहाबाद जिले के गांव अलीका में भी ऐसा एक ग्रुप काम कर रहा है, जिसका नाम है प्रेम सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप. इस ग्रुप से जुड़ी अनेक महिलाएं अब आत्मनिर्भर होकर लाखों रुपये प्रति वर्ष कमाई कर रही हैं और अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. ग्रुप से जुड़ी गृहिणी ममता ने बताया कि पहले वे आम गृहणियों की भांति ही घर का काम करती थी. आजीविका का कोई साधन न होने के कारण वह आजीविका मिशन के तहत काम कर रहे सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप से जुड़ी और फिर लखपति दीदी योजना के तहत ग्रुप से उन्हें मदद मिली. जिसके बाद पहले उसे दूध की डेयरी का काम किया और अब गांव में ही बुटिक, मनियारी की दुकान और ब्यूटी पार्लर का काम भी शुरु कर दिया है. उसके पास ग्रुप से जुड़ी अन्य महिलाएं भी काम करने आती है जिससे उसके साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी रोजगार मिला हुआ है.
इसी ग्रुप से जुड़ी एक अन्य महिला सोनिया ने बताया कि लखपति दीदी योजना से वह आज आत्मनिर्भर बनी सकी हैं. उसने बताया कि पहले वह एक छोटे से सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप से जुड़ी हुई थी. ग्रुप में चलाई जा रही एक्टिविटी में पूर्ण सहयोग करती थी. ग्रुप से ही लोन लेकर उसने अपना मनियारी का बिजनेस शुरू किया. अब उसके पास अपना अच्छा बिजनेस है, 10 से 15 हजार प्रति महीने उससे इनकम हो जाती है, जिससे उसकी आजीविका चल रही है.
क्या है लखपति दीदी योजना: इस योजना में स्वयं सहायता समूह की वे महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने अपने समूह की बचत, ग्राम संगठन और बैंक लोन आदि मदद से अपनी आजीविका या रोजगार शुरू किया है और उनकी वार्षिक आय 100000 रुपये या इससे अधिक हो गई है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अलग-अलग माध्यमों से पार्लर, कढ़ाई व सिलाई, फूड प्रोसेसिंग, आचार, पापड़, बेकरी और पशु पालन व डेयरी फार्मिंग से संबंधित ट्रेनिंग करवाकर उनकी आजिविका को बढ़ाया जाता हैं.
Input: Ajay Mehta