जानिए चुंबन की शुरुआत कैसे हुई, किसने और क्यों लिया था दुनिया का पहला Kiss
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जानिए चुंबन की शुरुआत कैसे हुई, किसने और क्यों लिया था दुनिया का पहला Kiss

दुनिया में सभी लोग अपने पसंद के लोगों को Kiss करना पसंस करते हैं. अभी हमारे देश में खुले में Kiss करने का प्रचलन नहीं हैं. वहीं यूरोप के देशों में Kiss को अभिवादन की तरह लेतो हैं.

जानिए चुंबन की शुरुआत कैसे हुई, किसने और क्यों लिया था दुनिया का पहला Kiss

नई दिल्ली: दुनियाभर में लोग अपने प्यार का इजहार किस (Kiss) करके करते हैं. आपने देखा होगा की जब किसी पर ज्यादा प्यार आता है तो लोग उसका इजहार करने के लिए Kiss का सहारा लेते हैं. जैसे मां अपने बच्चे को Kiss करके, बच्चा मां को किस करके. वहीं कपल एक दूसरे को Kiss करके प्यार का इजहार करते हैं. वहीं कई देशों में तो Kiss पर बैन भी लगा दिया गया था. Kiss करने से लोग एक दूसरे से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि किस की शुरुआत कैसे और कहां से हुई. चलिए आपको इस बारे में लोगों की राय बताते हैं.

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Kiss को लेकर कुछ लोग कहते हैं कि पहली बार Kiss किसी हादसे से हुई होगी, जो कि पसंद आ गई होगी. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इसकी शुरुआत मां के खाना खिलाने से हुई होगी. कहते हैं कि पहले बच्चों के मुंह में सीधा निवाला नहीं डालते थे, बल्कि चबाया हुआ डालते थे तो शायद इससे किस का इजाद हुआ होगा. वहीं कुछ लोग कहते हैं कि चिंपाजी मांएं अपने बच्चों को दुलारते हुए किस भी करती हैं. ऐसा भी हो सकता है कि हमने अपने पूर्वजों की देखादेखी चुंबन का लेनदेन सीख लिया हो.

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि एक-दूसरे को सूंघते हुए Kiss हो गया होगा, तभी से किस किया जाने लगा. कहते हैं कि पहले सूंघने का चलन था (मतलब एक दूसरे को सूंघकर अभिवादन करते थे).

Kiss को भले ही प्यार जताने के तरीके की तरह देखा जाता है, लेकिन मध्यकालीन यूरोप में इसे ग्रीटिंग की तरह देखा जाता है. जो हल्के ओहदे वाले लोग ऊंचे ओहदेदारों के साथ करते. दो बराबरी के लोग आपस में मिलते हुए माथे या होठों पर किस करते, जबकि गैर-बराबरी की मुलाकात में केवल नीचे के ओहदे वाला ही ऊपर वाले को चूमता, वो भी हाथ या पैर या फिर कपड़े के किनारे को Kiss करते हैं. इसके बाद चुंबन का रूप और गहराता गया. ये ज्यादा इंटेन्स हो गया. खासकर होठों पर चुंबन प्यार का प्रतीक बनने लगा. हालांकि फिलहाल किस के जिस स्वरूप पर फ्रांस अपना ठप्पा लगाता है, उसकी शुरुआत किसी फ्रांसीसी जोड़े से हुए होगी. वहीं होठों पर चुंबन को फ्रेंच किस (French Kiss) भी कहा जाता है.

Kiss का नाम सुनते ही दिमाग में कोई न कोई रोमांटिक तस्वीर बनती है, लेकिन ये उतना रोमांटिक नहीं है, जितना हमने समझ रखा है. कम से कम दुनिया की 54 प्रतिशत आबादी तो यही सोचती है. अमेरिकी एंथ्रोपोलॉजिस्ट एसोसिएशन ने कुछ साल पहले एक रिसर्च की, जिसमें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के 168 कल्चर्स को शामिल किया गया. इसमें पता लगा कि सिर्फ 46 प्रतिशत लोग ही हैं जो चुंबन को रोमांस से जोड़ते हैं, खासकर होठों पर चुंबन. बाकियों ने चुंबन के इस रूप को रोमांस से जोड़ने से साफ इनकार कर दिया.

वहीं दुनिया के कई हिस्सों में Kiss को अभी भी खराब माना जाता है. सोमालिया में Kiss को बीमारी फैलाने की साजिश की तरह देखते हैं. इसी तरह से बोलिविया का सिरिओनो ट्राइब किसिंग से एकदम दूर है. ये भी हो सकता है कि शायद एक-दूसरे को पहचानने या प्रेम जताने के लिए वे आज भी सूंघने जैसी प्राचीन भंगिमा अपनाते हों.

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