कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना घाट में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ग्रहण से पहले लगाई डुबकी
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कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना घाट में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ग्रहण से पहले लगाई डुबकी

कार्तिक मास की गुरु पूर्णिमा और साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पर वजीराबाद स्थित यमुना घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचे. इस दौरान लोगों ने छठ पर्व पर पानी में केमिकल होने की बात कहकर श्रद्धालुओं को यमुना में जाने से रोकने को राजनीति बताया.

कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना घाट में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ग्रहण से पहले लगाई डुबकी

अमित त्यागी/नई दिल्ली: आज कार्तिक मास की गुरु पूर्णिमा और साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है, ग्रहण के पहले नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. सुबह से ही वजीराबाद स्थित यमुना घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचे. इस दौरान छठ महापर्व पर यमुना में लोगों को स्नान करने से रोकने पर श्रद्धालुओं ने सरकार पर दोहरा चरित्र दिखाने का आरोप भी लगाया. 

वजीराबाद स्थित यमुना घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु कार्तिक मास की आखिरी पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने के लिए पहुंचे. इस दौरान लोगों ने बताया कि शाम को चंद्रग्रहण है और आज गुरु पूर्णिमा भी है. गुरु पूर्णिमा पर नदी में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. लोग दूर-दूर से वजीराबाद स्तिथ यमुना नदी में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. ग्रहण के अवसर पर हरिद्वार, करुक्षेत्र, प्रयागराज सहित तमाम पवित्र जगहों पर नदियों में स्नान की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. 

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यमुना घाट पर स्नान के लिए पहुंचे लोगों ने छठ महापर्व पर सरकार द्वारा यमुना में स्नान करने से रोकने पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया. साथ ही कहा कि पानी में केमिकल होने की बात कहकर श्रद्धालुओं को यमुना में जाने से रोका जा रहा था. अब क्या महज एक ही सप्ताह बाद यमुना नदी की सफाई हो गई है, जो प्रशासन अब श्रद्धालुओं को यमुना में डुबकी लगाने से नहीं रोक रहा है. ये केवल राजनीति है जिसका शिकार दिल्ली की जनता हो रही है.

यमुना किनारे पूजा कर रहे पंडित जी ने बताया कि सनातन धर्म की यही परंपरा है, ग्रहण लगने से पहले लोग स्नान कर लेते हैं. आज सुबह 8:30 बजे के बाद सूतक काल लग जाएगा, जिसमें दूसरे काम वर्जित माने जाते हैं. इससे पहले यमुना में डुबकी लगाकर लोग खुद को पवित्र कर रहे हैं. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यमुना में डुबकी लगाने से पुण्य मिलता है. यमुनोत्री से यमुना बहती है और प्रयागराज में जाकर गंगा में संगम होता है, गंगा में संगम होने के बाद जमुना जी गंगा बन जाती है. यह लोगों की आस्था है कि वो दूर-दूर से यमुना में डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं.

हालांकि कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए किसी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए हैं. आए दिन यमुना में लोगों के डूबने की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसे में जरूरत है कि प्रशासन पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए गोताखोरों की टीम को यमुना किनारे तैनात करें, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके.