Jhajjar News: कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में पहुंचे जिला उपायुक्त, शहीदों के परिवारों को किया सम्मानित
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Jhajjar News: कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में पहुंचे जिला उपायुक्त, शहीदों के परिवारों को किया सम्मानित

Kargil Vijay Diwas: हरियाणा के झज्जर जिले में कारगिल विजय दिवस मनाया गया. इस मौके पर जिला उपायुक्त शक्ति सिंह के अलावा शहीद परिवारों ने भी शिरकत की. इस दौरान शक्ति सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद सबसे पहले जिले ने वीर नारी सम्मान पत्र देना शुरू किया था

Jhajjar News: कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में पहुंचे जिला उपायुक्त, शहीदों के परिवारों को किया सम्मानित

Haryana News: झज्जर में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस मनाया गया. कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में जिला उपायुक्त शक्ति सिंह के साथ-साथ शहीद परिवारों ने भी शिरकत की. उपायुक्त शक्ति सिंह जिला लघु सचिवालय स्थित कारगिल युद्ध स्मारक के अलावा सैनिक भवन में बने शहीद स्मारक पर भी पहुंचे. वहां उन्होंने पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की. उन्होंने इस मौके पर वहां मौजूद शहीद परिवारों की समस्याओं को भी सुना. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद सबसे पहले झज्जर जिले ने वीर नारी सम्मान पत्र देना शुरू किया था. ताकि शहीद के परिवारों की समस्याओं का समाधान उसी पत्र के जरिए प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके. उन्होंने इस मौके पर शहीद परिवारों की समस्याओं को भी सुना और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने का आश्वासन दिया. 

शहीद के परिवारों को दिया सम्मान

इस मौके पर शक्ति सिंह ने कहा कि आज पूरे देश में कारगिल विजय दिवस को 25वें विजय दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है. यह एक तरह से रजत जयन्ती कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है कि हमारे महान सपूतों ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी शहादत देकर देश की धरती पर घुसे दुश्मन को वहां से खदेड़ा था. हम सभी का फर्ज बनता है कि हम शहादत देने वाले शहीद के साथ-साथ उनके परिवारों का भी सम्मान करें. उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत को हमें कभी भी भुलाना नहीं चाहिए.

शहीद की ढाकला में लगाई गई है प्रतिमा 

कारगिल युद्ध के शहीद जवान धर्मबीर की पत्नी विद्या देवी ने इस मौके पर मीडिया के सामने अपना दुख सांझा किया. उन्होंने कहा कि 25 साल का जीवन उनका बेहद संघर्ष भरा जीवन रहा है. इस दौरान उन्हें अनेक समस्याओं से जूझना पड़ा. पति की शहादत के दौरान उनके बच्चें छोटे थे, जिन्हें उन्होंने पाल पोसकर बड़ा किया. उन्होंने कहा कि अब उनकी बेटी डाक्टर है. बेटे की इच्छा सेना में जाने की है, लेकिन पढ़ाई के मुताबिक छोटी जॉब मिलने की वजह से उसे परेशानी आ रही है. उन्होंने कहा कि गांव ढाकला में उनके पति की प्रतिमा लगाई गई है, लेकिन वहां की साफ-सफाई का ध्यान शासन और प्रशासन की तरफ से नहीं दिया जाता. उन्हें ही सब कुछ करना पड़ता है. न तो वहां पर साफ-सफाई है और न ही वहां लाईट की सुविधा है. 

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शहीदों की प्रतिमा लगाकर प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

एक अन्य शहीद लीला राम नायक की पत्नी गांव जटवाड़ा निवासी ने भी अपना दुख सांझा करते हुए कहा कि उनके पति की प्रतिमा की अनदेखी शासन और प्रशासन द्वारा की जा रही है. उन्होंने प्रशासन पर शहीद स्मारक की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिजली और पानी की कोई व्यवस्था गांव जटवाड़ा स्थित उनके पति की प्रतिमा के पास नहीं है. प्रशासन को कई बार कहा भी गया है, लेकिन न तो ग्राम पंचायत और न ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है.

Input- Sumit Tharan