Kaithal News: हरियाणा में पेंशन बहाली संघर्ष समिति की बैठक, OPS आंदोलन तेज करने पर हो सकता है फैसला
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2284302

Kaithal News: हरियाणा में पेंशन बहाली संघर्ष समिति की बैठक, OPS आंदोलन तेज करने पर हो सकता है फैसला

Kaithal News: कैथल में आज पेंशन बहाली संघर्ष समिति कि राज्य स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया. इसमें OPS आंदोलन तेज करने को लेकर फैसला हो सकता है.

Kaithal News: हरियाणा में पेंशन बहाली संघर्ष समिति की बैठक, OPS आंदोलन तेज करने पर हो सकता है फैसला

Kaithal News: कैथल में आज पेंशन बहाली संघर्ष समिति कि राज्य स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया. पेंशन बहाली के मुद्दे पर लंबे समय से कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं, इसे लेकर कई बार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन बात नहीं बनी. 

पत्रकारो से बात करते हुए पेंशन बहाली संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने बताया कि आज हरियाणा के हर जिले की कार्यकारिणी के सदस्य आए हैं. हमारी मीटिंग जारी है, हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए हम लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांग नहीं मान रही. लोकसभा चुनाव में हमने सरकार को इसका जवाब वोट की चोट से दे दिया है. सरकार के पास अब भी पुरानी पेशन को बहाल करने का समय है. वरना आने वाले समय सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. 

 ये भी पढ़ें- ITI Admission 2024: आईटीआई में दाखिले की प्रक्रिया शुरू, जानें कब तक होगा एडमिशन

आज की मीटिंग में हम मुख्यमंत्री आवास के घेराव का फैसला लेंगे. अब इस आंदोलन को आगे तेज किया जाएगा.पुरानी पेंशन बहाली के लिए हम काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. चुनाव के समय में दबाव की राजनीति नहीं कर रहे हैं, यह हमारी सामाजिक सुरक्षा का मामला है. इसलिए सरकार को इसका संज्ञान जल्द लेना चाहिए, अन्यथा आने वाले समय में आंदोलन तेज होगा.

चंडीगढ़ में CISF जवान द्वारा कंगना रनौत को थप्पड़ मारने के मामले में वीरेंद्र धारीवाल ने कहा कि यह भावनात्मक रूप से लिया गया फैसला था. हम किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करते और ना ही हम यह चाहते हैं कि आगे इस तरह की कोई घटना हो. लेकिन आजकल जिस तरह से नेता और अभिनेता बयानबाजी कर रहे हैं वह भी सैद्धांतिक रूप से ठीक नहीं है. इस घटना को लेकर शुरुआत दोनों तरफ से हुई है. अगर किसान आंदोलन के दौरान इस तरह की बयानबाजी नहीं होती तो यह थप्पड़कांड भी नहीं होता. दोनों को ही समझने की जरूरत है और कर्मचारियों को भी भावनात्मक रूप से इस तरह के फैसले नहीं लेने चाहिए. अपना विरोध दर्ज कराने के बहुत से तरीके हैं. आप हिंसा की जगह अहिंसात्मक तरीके से अपना विरोध दर्ज करवा सकते हैं. नेताओं को भी अपने आप को आदर्श रूप में स्थापित करना है तो इस तरह की बयान बाजी से बचना चाहिए.

Input- Vipin Sharma 

 

Trending news