Jind News: गौशाला में बिखरे गोवंश के कंकाल व खाल, सरकार से की दफनाने के लिए जमीन की मांग
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Jind News: गौशाला में बिखरे गोवंश के कंकाल व खाल, सरकार से की दफनाने के लिए जमीन की मांग

जींद के गांव धडौली की राष्ट्रीय गौशाला में गोवंश के कंकाल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद गौभक्तों के एकत्रित होने से गांव में तनाव स्थिति पैदा हो गई. तनाव को देखते हुए गांव में व्यापक पुलिस बल तैनात कर दिया गया था.

Jind News: गौशाला में बिखरे गोवंश के कंकाल व खाल, सरकार से की दफनाने के लिए जमीन की मांग

Jind News: जींद के गांव धडौली की राष्ट्रीय गौशाला में गोवंश के कंकाल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद गौभक्तों के एकत्रित होने से गांव में तनाव स्थिति पैदा हो गई. तनाव को देखते हुए गांव में व्यापक पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. इनका आरोप था कि प्रबंधकों ने गौशाला को बूचड़खाना बना दिया है. जहां मृत गोवंश को दफनाने की बजाय उसके शरीर का सौदा किया जा रहा है. वहीं गोरक्षा दल का कहना है कि जमीन न होने के कारण यह समस्या पैदा होती है. सरकार गोच्चर भूमि दे दें तो हरियाणा की गौशाला में विवाद की समस्या ही पैदा न हो.

जींद के गांव धडौली की राष्ट्रीय गौशाला को लेकर वायरल हुई एक वीडियो के बाद वहां गोवंश का कंकाल मिलने के मामले में आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. जिसके सफीदों पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

राष्ट्रीय गौशाला धडौली में परंपरागत मकर संक्रांति का उत्सव 14 जनवरी को मनाया गया था. इसमें भाग लेने आए गन्नौर क्षेत्र के सतनाला गांव के राहुल ने गौशाला परिसर में एक गोवंश का धड़ से अलग सिर व वहां हड्डियों का ढेर देखा तो इसकी वीडियो बना ली और इसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद दूर-दूर के इलाकों से भी लोग यहां गौशाला प्रबंधकों के खिलाफ जमा हो गए.

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हरियाणा गोरक्षा दल के अध्य्क्ष योगेंद्र महाराज ने कहा वर्षों पुरानी गौशाला ने लाखों गौ माता का पालन पोषण किया है. जिन गायों की प्रकृति रूप से मौत हो जाती है या जो गाय बूढ़ी हों जाती है उनका संस्कार किया जाता है. यानी कि दफनाया या जलाया नहीं जाता, उनको ठेकेदार द्वारा उठवाया जाता है. जिनके मास को बटन बनाने या अन्य काम मे प्रयोग किया जाता है. यहीं गौशाला नहीं सरकार द्वारा नन्दी शाला में भी ठेका दिया जाता है. गौमाता इसलिए कहा जाता है. उनका मरने के बाद मास भी प्रयोग किया जाता है. गौशाला कोई बिजनेस नहीं करती, लेकिन गायों के मरने के बाद दबाने के लिए भूमि नहीं है. इसलिए ठेकेदार को देते है. सरकार हमे गौचर भूमि दे दें यहीं विवाद खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार गौचर भूमि को हरियाणा की गौशाला को दे दे फिर एक भी गाय न सड़क पर रहेगा न किसी प्रकार के उपद्रव होंगे.

उन्होंने कहा जो गौशाला में सेवा करने के लिए आए, लेकिन गौशाला को बदनाम न करें. हम तो गौमाता के मेवात में जाकर प्राण बचाते है. वहीं पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी बीरबल ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद अज्ञात के खिलाफ गौसंरक्षण अधिनियम की धारा 13(1) व 13(3) और भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

Input: गुलशन चावला 

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