Trending Photos
Jind News: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने मंगलवार को खटकड़ टोल पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने शहीद किसानों को नमन करते हुए कहा कि हमारे साथ नाइंसाफी केवल इस आंदोलन में नहीं हुई. आम घरों के लोगों के साथ ये नाइंसाफी रोज होती है. कहते हैं जब पानी सिर से ऊपर चला जाए तो फिर हाथ मारने के अलावा कोई चारा नहीं रहता. हमारे बच्चों को न अच्छे स्कूल मिलते, न हमें अपने खेत में बिजली मिलती, किसानों के बच्चे बॉर्डर पर कुर्बान हो जाना चाहते हैं, लेकिन ये सरकार कहती है कि चार साल बाद रिटायर हो जाना, किसान खाद मांगने जाए तो नहीं मिलता, फसल का रेट नहीं मिलता और खराब फसल का मुआवजा नहीं मिलता. इस सरकार में हर पल किसानों के साथ नाइंसाफी होती रही, लेकिन यदि कोई हमारे स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करे तो फिर लड़ना जरूरी हो जाता है.
उन्होंने कहा कि जिस लड़ाई की याद में यहां बैठे हैं, ये लड़ाई भी ऐसी ही लड़ाई थी. किसानों से उनकी जमीन और स्वाभिमान छिनना चाहते थे. कहते हैं कि अगर स्वभिमान पर बात आए तो टकराना जरूरी है, जो जिंदा हो तो जिंदा आना जरूरी है. ये वही लड़ाई थी, किसान कौम के 19 शहीदों के लिए यहां उनको नमन करते हुए एक श्रद्धांजलि स्थल बना रहे हैं, जिससे कि इनकी कहानियां सुनाई जा सकें. ढांडा ने कहा कि मैं चाहता हूं कि एक ऐसी सरकार आए, जो सभी 700 शहीद किसानों के गांव और उनकी जगहों पर श्रद्धांजलि स्थल बनाया जाए ताकि सबको उनकी जन्मभूमि पर श्रद्धांजलि दी जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों ने इसलिए कुर्बानी दी, जिससे कि हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके. इसका अभी तक नतीजा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जो मांग किसान लेकर बैठे थे, वो अभी तक भी पूरी नहीं हुई हैं.
ये भी पढ़ें: 8 साल में हरियाणा सरकार ने 93 जन-औषधि केंद्र खोले, 58 बंद भी हो गए: अनुराग ढांडा
उन्होंने कहा कि जब किसान दिल्ली पहुंचे थे तो अरविंद केजरीवाल के घर पर सारी रात तमाशा चला था. केंद्र सरकार की तरफ से स्टेडियमों को जेल बनाने का आदेश आया था, धमकी दी गई थी कि सरकार भंग कर देंगे अगर इस आदेश को लागू नहीं किया और फाइल पर साइन नहीं किए. अरविंद केजरीवाल ने फाइलों पर साइन नहीं किए. उन्होंने कहा था चाहे फांसी पर टांग दो, फाइल पर साइन नहीं करूंगा.
उन्होंने कहा कि अगर हमारे मां बाप सड़क पर लड़ाई लड़ रहे हैं तो लानत है ऐसी राजनीति पर अगर हम उनके लिए खड़े नहीं हो सकते तो. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, कुर्बानी के लिए तैयार रहो. अभी तो इस लड़ाई का एक छोटा हिस्सा जीता है, अभी तो किसान कौम के हकों के लिए संघर्ष करना बाकी है. मेरी जहां भी जरूरत होगी, तन, मन और धन से आपके साथ हूं. कंधे से कंधा मिलाकर किसानों के हकों की लड़ाई लड़ने का काम करूंगा.