Hisar News: HKRN के कर्मचारियों ने विभागीय कार्यालय के सामने दिया धरना, नियमित करने की रखी मांग
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Hisar News: HKRN के कर्मचारियों ने विभागीय कार्यालय के सामने दिया धरना, नियमित करने की रखी मांग

Hisar News: हिसार कौशल रोजगार निगम के फील्ड कर्मचारियों के समाधान नहीं मिलने पर विभागीय कार्यालय का घेराव का किया ऐलान 

 

Hisar News: HKRN के कर्मचारियों ने विभागीय कार्यालय के सामने दिया धरना, नियमित करने की रखी मांग

Hisar News: हिसार कौशल रोजगार निगम (HKRN)  के फील्ड कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान नहीं होने के विरोध कर्मचारियों ने आज घेराव का ऐलान किया था. वहीं सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन ने हिसार के जनस्वास्थ्य विभाग के अधीक्षक अभियंता कार्यालय के सामने पड़ाव डाल लिया है. एहतियात के तौर पर मौके पर पहुची पुलिस ने उन्हें समझने की बहुत कोशिश की.

धरना को संबोधित करते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि विभाग में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के आधीन कार्यरत कर्मचारियों का अनुभव सरकार के आदेश के बावजूद अधीक्षक अभियंता द्वारा पोर्टल पर दर्ज नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण कर्मचारियों को प्रतिमाह हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है. 

कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय अधीक्षक अभियंता कार्यालय से लगातार नदारद हैं, जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है. उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम किसी भी प्रकार से कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके तहत कर्मचारियों को नियमित किए जाने की कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई है. इसलिए सर्व कर्मचारी संघ और मैकेनिकल वर्कर यूनियन ने हमेशा कौशल रोजगार निगम का विरोध किया है.

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कर्मचारियों ने रखी ये मांगें 
कर्मचारियों ने कहा कि संगठन सरकार से मांग करता है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग किया जाए.  कर्मचारियों को विभागीय रोल पर रखकर उनको नियमित करने की पॉलिसी बनाई जाए, ताकि जनता को और बेहतर मूलभूत सुविधाएं मिल सकें. उन्होंने कहा कि अधीक्षक अभियंता बढ़ती जनसंख्या के आधार पर जलघरों, बूस्टिंग स्टेशनों व डिस्पोजलों पर नियमित पदों को बढ़ाने की बजाय साजिश के तहत मुख्यालय को भेजे गए प्रपोजल में स्थाई पदों में कटौती करने की सिफारिश कर निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं. हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. 

समस्याओं का समाधान करवाने के लिए संगठन द्वारा लिखित रूप में अधिकारी से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन अधिकतर समस्याओं के समाधान को लेकर उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं. अधिकारी की अनदेखी के कारण जहां कर्मचारियों का प्रतिमाह हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं विभाग में वर्षों से सेवाएं दे रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा.

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