Haryana Vidhansabha chunav: आमने-सामने कैबिनेट मंत्री के भाई और बेटी, एक ही सीट पर दावा ठोक रहे चाचा-भतीजी!
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Haryana Vidhansabha chunav: आमने-सामने कैबिनेट मंत्री के भाई और बेटी, एक ही सीट पर दावा ठोक रहे चाचा-भतीजी!

Haryana Assembly Election 2024: राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव और उनके भाई राव यादवेंद्र सिंह दोनों ही हरियाणा के आगामी चुनावों में कोसली सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं. यादवेंद्र जहां कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं, वहीं आरती के भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावनाए हैं, जिससे परिवार में टकराव की संभावना है.

Haryana Vidhansabha chunav: आमने-सामने कैबिनेट मंत्री के भाई और बेटी, एक ही सीट पर दावा ठोक रहे चाचा-भतीजी!

Haryana Vidhansabha chunav 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. हरियाणा में ऐसी कई सीटें हैं, जहां पर एक ही परिवार के दो लोग अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. इन्हीं में शामिल हैं कैबिनेट मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव और और पूर्व विधायक और राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई राव यादवेंद्र. ये दोनों चेहरे रेवाड़ी की कोसली सीट से अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं. एक ओर राव यादवेंद्र जहां खुद को कांग्रेस की टिकट के लिए सबसे योग्य बता रहे हैं तो दूसरी ओर आरती राव बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं.

राव यादवेंद्र की भतीजी भी दौड़ में
दरअसल, राव यादवेंद्र सिंह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई हैं. उनके साथ ही रामपुरा हाउस का सक्रिय विरोध करने वाले पूर्व मंत्री जगदीश यादव भी कोसली से कांग्रेस टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं. साथ ही ये अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव भी इसी क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं.

कोसली विधानसभा में 'लड़ाई'
राव यादवेंद्र सिंह ने कहा, 'कोसली से कांग्रेस की टिकट मैं ही लूंगा, चाहे कितने भी दावेदार क्यों न हों.' उन्होंने कहा, 'टिकट मांगने वाला कोई भी व्यक्ति दावेदार हो सकता है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण है कि कौन सबसे अधिक प्रभावशाली है. मौजूदा राजनीतिक माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि टिकट किसी ऐसे व्यक्ति को दे दिया जाए जो प्रभावशाली न हो'

दोनों लड़ेंगे तो दोनों हारेंगे
कोसली से उनकी भतीजी आरती राव के संभावित चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर राव यादवेंद्र सिंह ने कहा, 'अगर आरती मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं, तो मैं लड़ने के लिए तैयार हूं. हालांकि, मुझे नहीं लगता कि वह यहां आएगी. उन्होंने कहा, अगर हम दोनों चुनाव लड़ते हैं तो हम दोनों हार सकते हैं. ऐसे में किसी को पीछे हटना होगा, जो कोई भी हमारे परिवार के हित के बारे में सोचता है, वह इस तरह की स्थिति नहीं चाहेगा.'

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भाई के राजनीतिक मामलों से दूर रहना
इसके अलावा जब उनसे उनके बड़े भाई राव इंद्रजीत सिंह के बारे में पूछा गया तो राव यादवेंद्र सिंह ने कहा, "मैं फिलहाल कांग्रेस में हूं और वो भाजपा में. मेरे पास इस किसी भी मामले में जानकारी नहीं है. मुझे जो भी जानकारी मिलती है वो मीडिया के माध्यम से ही मिलती है."

कोसली से दो बार विधायक
राव यादवेंद्र सिंह पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के सबसे छोटे बेटे हैं. वो 2005 से 2014 के बीच कोसली सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. हालांकि साल 2014 में उनके बड़े भाई राव इंद्रजीत सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद यादवेंद्र सिंह को पिछले दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है.

हु्ड्डा के करीबी माने जाते हैं यादवेंद्र
बता दें कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेद के चलते राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन यादवेंद्र सिंह अब भी हुड्डा के करीबी माने जाते हैं. राव इंद्रजीत सिंह द्वारा समर्थित भाजपा उम्मीदवारों ने 2014 और 2019 के दोनों चुनावों में कोसली सीट पर जीत हासिल की है.

राव इंद्रजीत अपने करीबी को लड़ाना चाहते हैं चुनाव
बता दें कि इस बार राव इंद्रजीत सिंह कोसली से अपने किसी करीबी को चुनाव लड़ाने के इच्छुक हैं. उनकी बेटी आरती राव को कोसली या अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि आरती राव महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. उनके चचेरे भाई राव अभिजीत सिंह भी कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. राव अजीत सिंह के छोटे बेटे और राव इंद्रजीत सिंह के भतीजे, अभिजीत सिंह, अपने भाई राव अर्जुन सिंह के निधन के बाद राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. पिछले चुनाव में, उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर अटेली से चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे.