MBBS छात्रों के समर्थन में FORDA, दिल्ली के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध कर किया काम
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MBBS छात्रों के समर्थन में FORDA, दिल्ली के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध कर किया काम

रोहतक पीजीआई के MBBS छात्र सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ पिछले 8 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनके समर्थन में आज दिल्ली के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया. 

MBBS छात्रों के समर्थन में FORDA, दिल्ली के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध कर किया काम

 

रोहतक: हरियाणा के रोहतक पीजीआई के MBBS छात्र सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों द्वारा सरकार से बॉन्ड पॉलिसी वापस लिए जाने के लिखित आश्वासन की मांग की जा रही है. छात्रों के इस प्रदर्शन को हरियाणा के मेडिकल कॉलेज के छात्रों के साथ ही अब फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) का भी समर्थन मिल रहा है. 

क्या है पूरा मामला   
हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई बॉन्ड पॉलिसी के तहत MBBS स्टूडेंट को हर साल 9.20 लाख रुपए जमा करवाने थे और 80 हजार रुपए फीस. इस हिसाब से MBBS के सभी छात्रों को हर साल 10 लाख रुपये और 4 सालों में 40 लाख रुपये जमा करवाने होंगे. छात्रों द्वारा बॉन्ड पॉलिसी का विरोध किए जाने पर इसे वापस लेने की बात कही गई, लेकिन अब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया. अब रोहतक PGI के MBBS छात्र 40 लाख की बॉन्ड पॉलिसी वापस लिए जाने के लिखित आश्वासन की मांग को लेकर 8 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. 

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रोहतक, करनाल, मेवात, सोनीपत में प्रदर्शन   
रोहतक PGI के MBBS छात्रों के प्रदर्शन के बाद अब दूसरे  पीजीआई के एमबीबीएस स्टूडेंट भी सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं. सोनीपत के गोहाना में खानपुर महिला मेडिकल कॉलेज की छात्राएं भी बॉन्ड पॉलिसी को वापस करवाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. छात्राओं का कहना था कि सरकार बॉन्ड पॉलिसी को वापस ले और रोजगार की गारंटी दे, तो वह अपनी हड़ताल को तुरंत वापस ले सकती हैं.

FORDA का समर्थन
रोहतक PGI के MBBS छात्रों को दूसरे मेडिकल कॉलेज के छात्रों के साथ ही डॉक्टरों का भी समर्थन मिल रहा है. MBBS छात्रों के समर्थन में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) आगे आया है, जिसके बाद हरियाणा और दिल्ली के डॉक्टर हाथों में काली पट्टी बांधकर अस्पताल में काम करते नजर आए.