Haryana Roadways Strike: रोडवेज चालक पंचतत्व में हुए विलीन, मृतक के बेटे को मिलेगी सरकारी नौकरी, परिवार को मिलेगा 15 लाख मुआवजा
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Haryana Roadways Strike: रोडवेज चालक पंचतत्व में हुए विलीन, मृतक के बेटे को मिलेगी सरकारी नौकरी, परिवार को मिलेगा 15 लाख मुआवजा

Haryana Roadways Strike: दिवाली की रात अंबाला में हुई रोडवेज चालक की हत्या मामले सोनीपत में मृतक चालक के केशव का दाह संस्कार किया गया है. मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी दी जाएगी. वही मुआवजे के रूप में 15 लख रुपये सरकार देगी.

Haryana Roadways Strike: रोडवेज चालक पंचतत्व में हुए विलीन, मृतक के बेटे को मिलेगी सरकारी नौकरी, परिवार को मिलेगा 15 लाख मुआवजा

Haryana Roadways Strike: दिवाली की रात अंबाला में हुई रोडवेज चालक की हत्या मामले सोनीपत में मृतक चालक के केशव का दाह संस्कार किया गया है. परिजनों ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि समय रहते हुए पुलिस वालों ने मदद की होती तो चालक राजवीर सिंह जिंदा होते.  आरोप लगाया है कि जिस वक्त आरोपी राजवीर सिंह की पिटाई कर रहे थे उसे वक्त डायल 112 की पुलिस गाड़ी भी वही नजदीक मौजूद थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय मूकदर्शक बनती रही.

परिजनों का कहना है कि पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही रही है. परिजनों ने सांझा मोर्चा धन्यवाद अदा किया है और कहा है कि उन्हें की बदौलत आज उन्हें न्याय मिला है. परिजनों का कहना है कि 26 जनवरी को उनके पिता को शहीद का दर्जा मिलेगा. परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा के रूप में मिलेंगे और एक सरकारी नौकरी दी जाएगी.

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जानकारी के मुताबिक राजबीर सिंह करीबन 4 महीने से अंबाला में कार्यरत थे. इस रात एक घटना घटित हुई उसे रात में अकेले ड्यूटी दे रहे थे और आरोपियों को गाड़ी खड़ी करने के लिए टोकना उन्हें महंगा पड़ गया और आरोपियों ने बेरहमी से राजबीर सिंह की पीट-पीट कर हत्या कर दी. परिजनों का कहना है कि विभाग के किसी भी कर्मचारी की रात के समय अकेले ड्यूटी नहीं लगानी चाहिए.

परिजनों ने आगे कहा कि रात की नौकरी करने के बाद राजवीर सिंह घर लौट कर वापस आने वाले थे, लेकिन रात की घटना के बाद राजवीर सिंह अपने परिवार के बीच त्योहार पर घर नहीं लौट पाया. उनके बड़े बेटे का कहना है कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक राजवीर सिंह बीमारी से ग्रस्त रहने के कारण ने गेट पर नौकरी कर रहे थे.

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हालांकि, वो ड्राइवर के पद पर भर्ती हुए थे. वहीं परिजनों ने यह भी कहा कि पिताजी की बीमारी के चलते सोनीपत में भी कई बार ट्रांसफर करवाने के लिए प्रयास किया गया, लेकिन यहां पर नहीं हुआ. गौरतलब है कि चालक राजवीर सिंह की हत्या के विरोध में पूरे प्रदेश भर में रोडवेज का चक्का जाम रहा. कल शाम हड़ताल खत्म कर दी गई थी.

सरकार के बीच सहमति बनने के बाद ही अलग-अलग यूनियन के प्रधानों ने वापस लौटने का फैसला किया था. जानकारी के मुताबिक मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी दी जाएगी. वही मुआवजे के रूप में 15 लख रुपये सरकार देगी. परिजनों ने यह भी बताया है कि उनके पिता की मृत्यु के उपरांत अब 26 जनवरी को ड्यूटी के दौरान संघर्ष से करते हुए अपनी जान कुर्बान करने पर परिजनों को. सम्मानित किया जाएगा.

(इनपुटः सुनिल कुमार)