Haryana News: हरियाणा में बड़े-बडे़ दावों के बीच एक इलाका ऐसा भी है, जहां आज भी नदी पर पुल नहीं है. नदी पर पुल न होने के कारण बच्चों को उफनती नदी पार कर स्कूल जाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि इस मामले में प्रशासन अब भी बेखबर है.
Trending Photos
Haryana News: एक तरफ जहां मानसून की बरसात ने लोगों को गर्मी से राहत दी है. तो वहीं दूसरी ओर ये बारिश कुछ लोगों के लिए आफत बनकर आ पड़ी है. पहाड़ी क्षेत्र मोरनी के बासवाला गांव की तस्वीरें बहुत ही डराने वाली हैं, जहां पर छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं. बता दें इन दिनों लगातार हो रही बारिश के कारण नदी का पानी उफान पर है, जिस कारण आसपास के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करके अपने घर आते हैं. बड़े लोग तो नदी पार कर सकते हैं, लेकिन छोटे बच्चो के लिए ये बहुत बड़ी मुश्किल है. जाने-अंजाने में बहुत बड़ी घटना हो सकती है. जिससे प्रशासन बिल्कुल बेखबर है.
कई हादसे हो चुके हैं
बता दें कि नदी पार करते वक्त पहले कई हादसे हो चुके हैं, जिसके चलते ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है. अब लोग सरकार और प्रशासन से नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. ताकि पासवाला से रायपुर रानीताल और अन्य स्थानों पर बिना किसी डर के जा सकें. मोरनी खंड की पलासरा पंचायत के आधा दर्जन गांवों के स्कूली बच्चों तथा ग्रामीणों को हर रोज नियमों को तोड़कर स्कूल तथा अपनी रोजी-रोटी के लिए दिन में कई दफा नदी पार करनी पड़ती है.
स्कूल जाने के लिए हथेली पर जान
पलासरा पंचायत के डाडवाली नदी पर पुल न होने के कारण उसके आसपास के गांव खैरी, खोपर, बाग, अंबोआ, डाडवाली आदि गांवों के ग्रामीणों तथा स्कूली बच्चों को मजबूरन जान जोखिम में डालनी पडती है. वहीं जिला प्रशासन के नियमों को मजबूरी में तोडना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि नदी पर पूल ना होने के कारण उन्हें मजबूरी में उफनती नदी को पार करनी पड़ती है. इसके अलावा स्कूली बच्चों को नदी से निकालने के लिए रस्सियों का सहारा लेना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया की जहां से ग्रामीण नदी पार करते हैं. वहीं घूमावदार मोड़ है, जिस कारण कारण पता ही नहीं चलता की कब नदी में पानी आ जाए. क्योंकि कई दफा मोरनी पहाड़ी क्षेत्र में बरसात हाती है और समतल में नहीं होती और अचानक नदी उफान पर आ जाती है. ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त पंचकूला व हरियाणा सरकार से मांग की है की डाडवाली नदी पर छोटा पुल बनाया जाए ताकि ग्रामीणो तथा स्कूली बच्चों को जान जोखिम मे न डालनी पड़े.