धर्मनगरी कुरुक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में भाग लेने पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र और पावन ब्रह्मसरोवर तट पर आकर उन्हें अत्याधिक आनंद की अनुभूति हुई है.
Trending Photos
नई दिल्ली: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची. जहां उन्होंने कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र और पावन ब्रह्मसरोवर तट पर आकर उन्हें अत्याधिक आनंद की अनुभूति हुई है. उन्होंने कहा कि गीता कायरता छोड़ वीरता अपनाने का संदेश देती है और साथ हीराष्ट्रपति ने हरियाणा सरपकार द्वारा ई-टिकटिंग परियोजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना लागू करने पर हरियाणा सरकार की पीठ थपथपाई.
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में भाग लेने पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र और पावन ब्रह्मसरोवर तट पर आकर उन्हें अत्याधिक आनंद की अनुभूति हुई. राष्ट्रपति महोदय ने गीता को मानवता के लिए आध्यात्मिक उपहार बताते हुए कहा कि गीता कायरता छोड़ वीरता अपनाने का सन्देश देती है.साथ ही उन्होंने कहा कि ओपन लूप टिकटिंग प्रणाली से परिवहन व्यवस्था कुशलता से संचालित होगी उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना के प्रथम चरण के लागू होने से उन्हें बेहद खुशी है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति के आगमन की प्रशंसा करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती शुभ आगमन पर राष्ट्रपति महोदय का आगमन हरियाणा सरकार के साथ-साथ प्रदेश वासियों के लिए बेहद अहम रखता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदय गीता कर्म योग की साक्षात प्रतिमूर्ति है, जिन्होंने बाधाओं के बावजूद दृढ़ संकल्प के बल पर न सिर्फ राष्ट्रपति बन कर दिखाया है कि देश में गरीब सपने देख ही नहीं सकता बल्कि उसे पूरा भी कर सकता है.
साथ ही सीएम ने कहा कि आज राष्ट्रपति महोदय के कर कमलों से प्रदेश को 3 नई परियोजनाओं की सौगात मिली है. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना, सिरसा में मेडिकल कॉलेज व हरियाणा सार्वजनिक सड़क परियोजना ई टिकटिंग प्रणाली देश की पहली प्रणाली है, जो राष्ट्रपति महोदय के कर कमलों से आरंभ हुई है. वहीं हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर राष्ट्रपति महोदय का आगमन बेहद अहम है. उन्होंने कहा कि गीता असमंजसता यानी किंकर्तव्यविमूढ़ व्यक्ति के जीवन को नया मोड़ दे सकती है. राज्यपाल के अनुसार आतंकवाद से निपटने का समाधान भी गीता में ही निहित है.