करनाल में मिलाजुला असर, आज मांगें पूरी न होने पर कल से डॉक्टर्स पूरी तरह करेंगे OPD बंद
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करनाल में मिलाजुला असर, आज मांगें पूरी न होने पर कल से डॉक्टर्स पूरी तरह करेंगे OPD बंद

करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को MBBS स्टूडेंट ने तीन घंटे OPD के बाहर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हालांकि करनाल में आज OPD बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया. मेडिकल कॉलेज में जो इंटरनल डॉक्टर हैं, उनके द्वारा छात्रों को सर्मथन दिया गया. जो छात्रों के साथ OPD छोड़कर उनके धरने पर बैठे. 

करनाल में मिलाजुला असर, आज मांगें पूरी न होने पर कल से डॉक्टर्स पूरी तरह करेंगे OPD बंद

नई दिल्ली: हरियाणा के करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को MBBS स्टूडेंट ने तीन घंटे OPD के बाहर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हालांकि करनाल में आज OPD बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया. मेडिकल कॉलेज में जो इंटरनल डॉक्टर हैं, उनके द्वारा छात्रों को सर्मथन दिया गया. जो छात्रों के साथ OPD छोड़कर उनके धरने पर बैठे. धरने पर बैठे डॉक्टरों ने कहा कि अगर सरकार आज छात्रों की मांग को पूरा नहीं करती तो कल से OPD को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाएगा कोई भी डॉक्टर OPD में मरीजों की जांच नहीं करेगा. 

OPD मेंआए मरीजों को नहीं हुई परेशानी
मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूरे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के समर्थन में डॉक्टरों ने OPD बंद करने का ऐलान किया था, लेकिन करनाल में OPD बंद मिलाजुला असर दिखाई दिया।.OPD में बैठे ज्यादातर डॉक्टरों ने छात्रों की हड़ताल का सर्मथन नहीं किया और रूटीन की तरह वह मरीजों की जांच करते नजर आए.

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Bond Policy का विरोध कर रहे MBBS छात्र
बता दें कि करनाल के साथ पूरे राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के स्टूडेंट सरकार की नई बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को छात्रों की हड़ताल को 22 दिन बीत चुके हैं. पिछले 22 दिन से किसी भी छात्र ने पढ़ाई नहीं की, जिसका नुकसान छात्रों को ही हो रहा है. वहीं छात्रों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं करती तबतक वह पीछे हटने वाले नहीं हैं. आज अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती तो कल से OPD बंद कर दी जाएगी.

आर्थिक रूप से कमजोर छात्र कैसे करेंगे पढ़ाई
OPD के बाहर बैठे छात्रों ने कहा कि 4 साल के कोर्स में उन्हें 40 लाख रुपए की फीस जमा करानी होगी. ऐसे में जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह MBBS का कोर्स नहीं कर पाएंगे. जिससे बांड नीति के खिलाफ MBBS के छात्रों में रोष है. छात्राओं ने सरकार से मांग की है कि बांड नीति को वापस लिया जाए, ताकि छात्र MBBS का कोर्स आसानी से कर सके. छात्रों का कहना है कि शासन और प्रशासन उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है.

छात्रों की ये है मांगे
- OPD के बाहर धरने पर बैठे छात्रा की मुख्य मांग है कि बांड एग्रीमेंट में से बैंक की दखलअंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए.
- साथ ही बाँड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 साल की जाए.
- ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी प्रदान करे.
- 40 लाख सेवा बॉन्ड राशि को घटाकर 5 लाख रुपए किया जाए.

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