नांगल चौधरी में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब 886 एकड़ में बनाया जाना है. इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सड़क, पानी और बिजली आदि का काम शुरू हो गया है. 40 प्रतिशत भूमि का कब्जा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (DFCCIL) को दे दिया गया है. बाकी भूमि का कब्जा 15 अगस्त तक ले लिया जाएगा.
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विनोद लांबा/चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने गुरुवार को अपेक्स मॉनिटरिंग अथॉरिटी की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा कि नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोग्राम से प्रदेश में औद्योगीकरण और लॉजिस्टिक को मदद मिलेगी. इससे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की आर्थिक तरक्की होगी. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे. सीएम ने कहा कि एनसीआर का क्षेत्र हरियाणा में होने की वजह से प्रदेश औद्योगीकरण का हब बना है. उद्योग की दृष्टि से हरियाणा निवेशकों की पहली पसंद रहा है. दिल्ली एयरपोर्ट के नजदीक होने से हरियाणा के उद्योगों को बहुत फायदा हुआ है.
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उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि देश के दो बड़े कॉरिडोर-वेस्टर्न इकनॉमिक कॉरिडोर और ईस्टर्न इकोनॉमिक कॉरिडोर हरियाणा से होकर गुजरेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के नांगल चौधरी में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब 886 एकड़ में बनाया जाना है. इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सड़क, पानी और बिजली आदि का काम शुरू हो गया है. इसे पूरा करने का टारगेट तय कर दिया है. इसे निश्चित समय पर पूरा किया जाएगा. इससे जुड़ी रेलवे लाइन का अवार्ड भी सुना दिया गया है. 40 प्रतिशत भूमि का कब्जा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (DFCCIL) को दे दिया गया है. बाकी भूमि का कब्जा 15 अगस्त तक ले लिया जाएगा.
इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) हिसार की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 1605 एकड़ जमीन का चयन कर लिया गया है. आईएमसी हिसार का मास्टर प्लान भी तैयार हो चुका है. पर्यावरण क्लीयरेंस को भी जल्द पूरा करवाया जाएगा. यह प्रोजेक्ट भी गति से आगे बढ़ रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यमुनानगर जिले के कलानौर में इनलैंड कंटेनर डिपो की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हरियाणा से होकर गुजरेगा. इस कॉरिडोर पर यदि इनलैंड कंटेनर डिपो बनाया जाता है तो इसका फायदा न केवल हरियाणा को मिलेगा बल्कि आसपास के राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब को भी मिलेगा.
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