हरियाणा की गायों में फैली ये भयंकर बीमारी, प्रदेश से बाहर ले जाने पर पाबंदी
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हरियाणा की गायों में फैली ये भयंकर बीमारी, प्रदेश से बाहर ले जाने पर पाबंदी

यमुनानगर के ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी इलाकों में भी गाय इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके चलते पशुपालक परेशान हैं. वह अपने अन्य पशुओं को इस बीमारी से बचाव के लिए अन्य स्थानों पर ले जा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में इस बीमारी का सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है.

 

हरियाणा की गायों में फैली ये भयंकर बीमारी, प्रदेश से बाहर ले जाने पर पाबंदी

कुलवंत सिंह/यमुनानगर: गायों में लंपी स्किन बीमारी हरियाणा के कई जिलों में फैल चुकी है. इस बिमारी से सबसे ज्यादा यमुनानगर जिला प्रभावित है. उसके बाद सिरसा में काफी संख्या में गाय इस रोग से प्रभावित हुई हैं. इसके अलावा 5, 6 अन्य जिलों में भी इस रोग के होने का पता चला है, जिसके बाद पशुपालन विभाग ने इसको लेकर अलर्ट घोषित किया है. हरियाणा के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने इस मामले में विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. 

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उन्हीं के निर्देश के बाद पशुपालन विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बी एस लौरा ने यमुनानगर के विभिन्न इलाकों का दौरा किया. उन्होंने यहां पशुपलकों और विभाग के डॉक्टरों से भी मुलाकात की. उन्होंने बताया कि यमुनानगर जिले में 4 से 5000 के बीच में गाय लंपी स्किन रोग से प्रभावित हुई हैं. इसके चलते एवं कुछ अन्य कारणों से 3 पशुओं की मौत भी हुई है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी को काबू करने के लिए विभाग द्वारा सभी कदम उठाए जा रहे हैं. 

उन्होंने जानकारी दी कि यमुनानगर जिले में यह रोग सबसे अधिक है. इसलिए यहां डॉक्टरों की विभिन्न टीमें तैनात की गई हैं. प्रभावित गाय का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह पशुओं से संबंधित बीमारी है इंसान में नहीं फैलती है. इसलिए इससे दहशत में आने की जरूरत नहीं है. गाय का दूध पीना है तो उसे उबालकर पीया जाए, बच्चों को भी उबाल कर दूध दिया जा सकता है. 

उन्होंने यह भी बताया कि इस रोग से प्रभावित गाय को बुखार होता है. इसके बाद उसका दूध कम हो जाता है. चार-पांच दिन के बाद बुखार कम हो जाना शुरू हो जाता है. इसके चलते धीरे-धीरे दूध भी बढ़ने लगता है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए कुछ प्राइवेट कंपनियों द्वारा इंजेक्शन मार्केट में लाए गए हैं. वहीं उन्होंने कहां कि जिन पशुओं को यह बीमारी है, उन्हें इसके बचाव के लिए वैक्सीनेट नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे बीमारी और बढ़ने का खतरा रहेगा. उन्होंने पशु चिकित्सकों को कहा कि वह बीमारी प्रभावित एरिया के पशुओं को इंजेक्शन न लगाएं. 

पशुपालन विभाग के डायरेक्टर जनरल बी एस लौरा का कहना है कि यह बीमारी हरियाणा के साथ लगते राजस्थान और पंजाब से आई होगी. इसलिए हरियाणा के सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि पशुओं को वह भारत सरकार के दिशानिर्देशों एवं गाइडलाइन के मुताबिक बॉर्डर क्रॉस होने से रोकें. कोई भी पशु एक से दूसरे राज्य में न जा पाए, इसकी व्यवस्था की जाए. 

यमुनानगर के ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी इलाकों में भी गाय इस बीमारी से पीड़ित हैं. इसके चलते पशुपालक परेशान हैं. इन सब के बावजूद इस बीमारी को काबू करने के लिए विभाग द्वारा सभी कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन बीमारी फिर भी काबू नहीं आ रही है.

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